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मोबाइल फोन पर मंडरा रहा है साइबर अटैक का खतरा! जानें कैसे बचाएं अपने फोन को

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मोबाइल डेटा के इस्तेमाल में अचानक इजाफा होना, स्क्रीन पर बहुत सारे पॉप-अप दिखाई देना, फोन की बैटरी तेजी से खत्म होना, अंजना ऐप दिखाई देना आदि जैसी कुछ असमान्य गतिविधि होने पर अलर्ट हो जाना चाहिए. ऐसा हो सकता है कि हैकर्स के हाथ में आपके फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम आ गया हो.

नई दिल्ली: मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन गया है. स्मार्टफोन एक मात्र फोन ना होकर किसी एक व्यक्ति की जीवन कुंडली बन गया है. निजी से लेकर सार्वजनिक जीवन और उसकी तमाम आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी तक मोबाइल फोन में कैद होती है. बहुत से लोगों का आलम यह है कि अगर उनका मोबाइल फोन कुछ देर काम न करे तो उनकी स्थिति अजीब हो जाती है. बहुत से लोग दैनिक जीवन की कई जरूरतों के लिए मोबाइल पर ही निर्भर रहते हैं.

भारत में कोरोना लॉकडाउन के बाद से तो मोबाइल फोन के इस्तेमाल में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है. बैंकिंग से जुड़ा काम हो या फिर रोजमर्रा की शॉपिंग, टिकट बुक कराना हो या फिर कहीं घूमने जाना हो, सारा इंतजाम स्मार्टफोन से ही होता है.

बढ़ रही हैं साइबर फ्रॉड की घटनाएं
मोबाइल फोन के इस बढ़ते महत्व के चलते साइबर ठगों की नजर हर समय आपके फोन पर रहती है. हमारे सामने साइबर ठगी की नई-नई घटनाएं सामने आती रहती हैं. मोबाइल फोन और ई-मेल पर आए दिन तमाम ऐसे फेक लिंक्स आते रहते हैं जिन पर क्लिक करते ही यूजर्स की सारी जानकारी हैकर्स के पास चली जाती है. किसी ऐप को इंस्टॉल करके भी तमाम डेटा चोरी हो जाता है.

साइबर सुरक्षा और एंटी-वायरस मुहैया कराने वाली कंपनी कैस्परस्काई लैब (Kaspersky) ने बीते साल मोबाइल डिवाइस पर हुए 35 लाख से अधिक साइबर हमलों का पता लगाया था.

मोबाइल सुरक्षा मुहैया कराने वाली प्राइवेट कंपनी जिमपेरियम (Zimperium) का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5 में से एक मोबाइल फोन पर मेलवेयर का अटैक हुआ है. जिमपेरियम का कहना है कि आने वाले समय में 10 में से 4 मोबाइल फोन पर साइबर अटैक का खतरा है. कंपनी का कहना है कि करोड़ों मोबाइल फोन हैकर्स के निशाने पर हैं.

हमेशा रहें अलर्ट
हैकर्स के हमले से आप अपने मोबाइल फोन को बचाकर रख सकते हैं. इसके लिए बस अलर्ट रहने की जरूरत है. मोबाइल डेटा के इस्तेमाल में अचानक इजाफा होना, स्क्रीन पर बहुत सारे पॉप-अप दिखाई देना, फोन की बैटरी तेजी से खत्म होना, अंजना ऐप दिखाई देना आदि जैसी कुछ असमान्य गतिविधि होने पर अलर्ट हो जाना चाहिए. ऐसा हो सकता है कि हैकर्स के हाथ में आपके फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम आ गया हो.

इन बातों का रखें ध्यान
सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचें. अगर आप किसी वजह से फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो उस दौरान किसी भी तरह का फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करने से बचे. ऑनलाइन पेमेंट या बैंक से जुड़ा कामकाज बिल्कुल भी न करें.

ऑनलाइन शॉपिंग करते समय आधिकारिक वबेसाइट का ही इस्तेमाल करें. नई वेबसाइट का इस्तेमाल करते समय उसके यूआरएल पर ध्यान दें. यूआरएल https से शुरू होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हैं तो उस वेबसाइट पर विजिट करना खतरे से खाली नहीं है.

मोबाइल फोन पर एक समय पर कई काम किए जाते हैं. ज्यादातर लोग अपनी सुविधा के लिए अलग-अलग पेजों के लिए आसान सा और एक ही पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करना एकदम गलत है. अलग-अलग खातों का अलग-अलग पासवर्ड होना चाहिए. पसवर्ड मजबूत होना चाहिए और समय-समय पर पासवर्ड को बदलते रहना चाहिए.

हमेशा भरोसेमंद एंटीवायरस ऐप का इस्तेमाल करें और समय-समय पर फोन की सफाई करते रहें. फोन की स्टोरेज को क्लीन करते रहें.

कैसे होता है वायरस का हमला
कंप्यूटर की तरह ही मोबाइल फोन में भी वायरस का हमला होता है. ये वायरस पूरे फोन को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं. ये आपके फोन में मौजूद सारी निजी जानकारी और पासवर्ड को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं. ये वायरस आपकी तमाम जनकारी को हैकर्स के पास भेजते रहते हैं.

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