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खेल

इस टूर्नामेंट के बाद हार्दिक पांड्या वनडे से ले सकता है संन्यास, रवि शास्त्री का बड़ा बयान

नई दिल्ली: भारत के पूर्व कोच और दिग्गजों में से एक रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने हार्दिक  पांड्या को लेकर बड़ा बयान दिया है. शास्त्री ने कहा है कि हार्दिक  अगले साल भारत में खेले जाने वाले विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं. पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि भविष्य में खिलाड़ी  किसी एक पर दूसरे फोरमैट को तरजीह दे सकते हैं. शास्त्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले दिनों इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के 31 साल की उम्र में वनडे को अलविदा कहने पर दुनिया भर अभी भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं रुक-रुक कर सामने आ रही हैं. बेन  स्टोक्स की आलोचना और संन्यास ने पूर्व दिग्गजों के बीच खिलाड़ियों पर अति व्यस्त कार्यक्रम से पड़ रहे बोझे को लेकर चर्चा छेड़ दी है.

शास्त्री ने इस विषय पर एक अग्रणी पत्रिका से बातचीत में कहा कि भविष्य में पांड्या अपना पूरा ध्यान  टी20 क्रिकेट पर लगा सकते हैं. और सिर्फ पांड्या ही नहीं, बल्कि भविष्य में  कई खिलाड़ी किसी एक फोरमैट पर दूसरे को तरजीह दे सकते हैं. और इसका उन्हें पूरी तरह से अधिकार भी है. इन दिनों फिर से कमेंट्री में लौटे शास्त्री ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा बना रहेगा क्योंकि यह खेल को एक अहमियत प्रदान करता है. लेकिन अब आपके पास पहले से ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने फोरमैट चुनना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा कि अब आप हार्दिक पांड्या का ही उदाहरण ले लें. वह टी20 क्रिकेट खेलना चाहते हैं. हार्दिक इस बाबत पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि मैं कुछ और नहीं खेलना चाहता. रवि ने कहा कि वह फिफ्टी-फिफ्टी क्रिकेट इसलिए खेलेगा क्योंकि इसका आयोजन अगले साल भारत में हो रहा है. टूर्नामेंट के बाद आप  वह भी पसंदीदा फोरमैट की राह पकड़ सकता है.  आप भी हार्दिक को ठीक उसी भूमिका में देखोगे, जो बाकी खिलाड़ियों के साथ हो रहा है. य दूसरे फोरमैट चुनना शुरू कर देंगे और अगर वे ऐसा करेंगे, तो वे इस बात में पूरी तरह से सही हैं. उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है. 

शास्त्री ने यह भी कहा कि इस तथ्य की अब अनदेखी नहीं की जा सकती है कि भविष्य में फ्रेंचाइजी क्रिकेट का ही विश्व में दबदबा होने  जा रहा है. आपको क्रिकेट के आकार, संतुलन और खासकर द्विपक्षीय सीरीज को देखना होगा. आपको क्रिकेटरों को वैश्विक लीगों में खेलने से नहीं रोक सकते. जब तक दुनिया भर के तमाम देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कटौती नहीं करते, तो ऐसे में क्रिकेटरों का कुछ फोरमैटों को छोड़ना जारी रहेगा. 

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