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दिल्ली/एनसीआर

दिल्ली में कोरोना और मंकीपॉक्स के बाद डेंगू ने भी पकड़ी रफ्तार, 20 अगस्त तक 189 मामले आए सामने

Dengue

दिल्ली में डेंगू (Dengue) ने भी रफ्तार पकड़ ली है. कोरोना (Covid-19) और मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बाद डेंगू मच्छर ने भी दिल्लीवालों को डराना शुरू कर दिया है. दिल्ली नगर निगम (MCD) की ताजा रिपोर्ट में राजधानी में 20 अगस्त 2022 तक डेंगू के 189 मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में डेंगू की यह संख्या हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा है.

नई दिल्ली. दिल्ली में डेंगू (Dengue) ने भी रफ्तार पकड़ ली है. कोरोना (Covid-19) और मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बाद डेंगू मच्छर ने भी दिल्लीवालों को डराना शुरू कर दिया है. दिल्ली नगर निगम (MCD) की ताजा रिपोर्ट में राजधानी में 20 अगस्त 2022 तक डेंगू के 189 मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में डेंगू की यह संख्या हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा है. अगस्त महीने में मॉनसून की बारिश से डेंगू के मामले में तेजी आई है. इससे पहले 2017 में 185 मामले जुलाई महीने तक सामने आए थे. डेंगू के बढ़ते मामले के बीच दिल्ली नगर निगम ने कहा है कि मॉनसून में मच्छरों के चलते डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि इस साल अब तक एक भी डेंगू मरीज की मौत नहीं हुई है.

बता दें कि इस साल 20 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 169 मामलों की पु्ष्टि की गई थी. दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में डेंगू के इतने मामले सामने आए हैं. दिल्ली में डेंगू के रोकथाम के लिए 200 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. नगर निगम का दावा है कि जहां मच्छर मिल रहे हैं वहां पर छिड़ाकाव किए जा रहे हैं.

दिल्ली में डेंगू ने भी पकड़ी रफ्तार
पिछले कुछ सालों की बात करें तो 30 जुलाई 2017 तक दिल्ली में डेंगू के 185, 2018 और 2019 में 40 मामले, 2020 में 31 मामले और 2021 में 52 मामले सामने आए थे. वहीं, इस साल 30 जुलाई 2022 तक मलेरिया के 33 मामले सामने आ चुके हैं. पिछले साल भी मलेरिया के 21 मामले सामने आए थे. वहीं, 2017 में 30 जुलाई तक मलेरिया के 171 मामले सामने आए थे.जबकि, बीते साल 30 जुलाई तक मलेरिया के 11 मामले सामने आए थे.

कैसे डेंगू होता है
डेंगू का बुखार एडीस मच्छर के काटने से होता है. इसके बाद पूरे शरीर में दर्द होना शुरू हो जाता है. जुलाई से लेकर अक्टूबर के महीने में लगातार बारिश होने के कारण मच्छर पनपते हैं. वैसे ये मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं. इन मच्छरों का प्रकोप ज्यादातर दिन के वक्त ही होता है. एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ पाते हैं.

डेंगू होने पर आप क्या करें
डॉक्टरों के मुताबिक एडीस मच्छर के डंक मारने के बाद बीमारी के लक्षण 3, 4 दिन बाद दिखने लगते हैं. इससे अधिक समय भी लग सकता है. डॉक्टर बताते हैं कि जब कोई एडीज मच्छर काटता है तो वह इंसान का खून चूसता है और खून में डेंगू का वायरस छोड़ देता है फिर अगर वही मच्छर दूसरे व्यक्ति को काट लेता है तो वो भी डेंगू की चपेट में आ जाता है.

डेंगू फीवर 3 तरह का होता है जिसमें से दो बुखार बेहद खराब माने जाते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि तीन तरह के बुखार जैसे की क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू हैमरेजिक फीवर (डीएचएफ), डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस). इन तीनों में से सबसे ज्यादा खराब डीएचएफ और डीएसएस होता है क्योंकि इससे ग्रस्त मरीज को अगर जल्द ही हॉस्पिटल में एडमिट नहीं कराया गया तो उसकी मौत हो सकती है.

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