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दिल्ली/एनसीआर

मेट्रो से कई गुना मस्त होगी दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल, ये फीचर दिल्लीवालों को जलाएंगे, तस्वीरों से जानिए

भारत में पहली रैपिड रेल का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इस रेल को दिल्ली से मेरठ के बीच चलाया जाएगा। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का काम लगभग अंतिम चरण में है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल मार्च में यह चालू हो जाएगी। रैपिड रेल से आप दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र 50 मिनट में पूरी कर पाएंगे। इन सबके बीच क्या आपको पता है कि देश की पहली रैपिड रेल की खूबियां क्या है। क्यों दिल्ली मेट्रो की तुलना में रैपिड रेल बेहतर साबित होगी। तस्वीरों की मदद से इस रेल की खूबियां जान लाजिए।

82 किमी लंबा गलियारा, देश में पहला ऐसा निर्माण

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रैपिड रेल के लिए 82 किमी लंबा गलियारा बनाया जा रहा है। देश में यह अबतक का सबसे लंबा गलियारा होगा। इतने लंबे गलियारे को बनाने में 14 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 1100 इंजीनियर की मेहनत का फल है। वहीं इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 30,274 करोड़ रुपये है। इस कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम कर रहा है। इस रैपिड रेल के प्रोजेक्ट में पहली बार 8 टनल बोरिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मशीनों का नाम सुदर्शन रखा गया है।

पटरियों पर कितनी सरपट दौड़ेगी रैपिड मेट्रो

82 किमी इस लंबे कॉरिडोर पर रैपिड ट्रेन अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ पाएगी। इसकी औसत रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे होगी। इसकी खास बात यह है कि यह बुलेट ट्रैन जैसी दिखती है। वहीं आप दिल्ली और मेरठ की दूरी 50 मिनट में पूरी कर लेंगे। शुरुआत में ट्रेन का सफर साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का होगा। प्रोजेक्ट पूरा होते-होते दूरियां भी बढ़ती चली जाएगी।

रैपिड रेल के अंदर की सुविधाएं जान लाजिए

रैपिड रेल के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2*2 की सीट होंगी। इसके अलावा यात्री अगर चाहें तो खड़े होकर भी यात्रा कर सकते हैं। एक और खास बात यह है कि रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे। हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी। इससे एनर्जी की बचत होगी। रैपिड रेल में सीटों का साइज काफी बड़ा होगा और वह आरामदायक और झुकी हुई होंगी। हर ट्रेन में बिजनेस क्लास का कोच होगा। इन कोच में एंट्री भी विशेष लाउंज के जरिए होगी।

किराए के लिए इस्तेमाल होगा ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम

दिल्ली से मेरठ तक चलने वाली रैपिड रेल में टिकट के लिए भी आधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल होगा। इस सिस्टम के बाद लोगों को और आराम हो जाएगा। इस सिस्टम से स्टेशन में संपर्क रहित प्रवेश और निकास करना सहज और आरामदायक हो जाएगा। अब यह काम कैसे करेगा यह भी बता देते हैं। यह अपने आप में पहली इस तरह की सुविधा होगी। आपको सबसे पहले RRTS स्टेशन यानी रीजनल रैपिड ट्रांजिट स्टेशन से या NCRTC मोबाइल एप से डाउनलोड करना होगा। यात्री नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी उपयोग कर सकते हैं। इसके बाद आपको ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन गेट के पास पेड एरिया में प्रवेश के लिए अपने टिकट या कार्ड को दिखाना होगा। वहीं प्रीमियम क्लास में सफर करने के लिए आपको प्लेटफॉर्म पर एएफसी के सामने टिकट और कार्ड को दो बार टैप करना होगा। बाहर निकलने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनानी होगी। एक बात और, अगर आपके पास क्यूआर कोड आधारित टिकट, नेशनल मोबिलिटी कार्ड है और आप प्रीमियम क्लास में सफर करना चाहते हैं तो आपका किराया पहले ही काट लिया जाएगा। वहीं वॉलेट से पैसे देने वालों के लिए साधारण क्लास कोच और प्रीमियम क्लास में से किसी एख को चुनने का मौका होगा।

ट्रेन से उतरते सेवा में हाजिर रहेंगे ये वाहन

रैपिड रेल प्रोजेक्ट को और सफल बनाने के लिए यात्रियों को स्टेशन से बाहर अलग-अलग तरह के वाहनों की कतार दिखाई देगी। यात्री अपनी सुविधा अनुसार, कोई भी गाड़ी ले सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने इसके लिए अलग-अलग सेवा प्रदाताओं से एक MOU पर हस्ताक्षर करवाए हैं। स्टेशन के बाहर ऐप बेस्ड कैब्स के साथ ऑटोरिक्शा, शेयर ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा, टू व्हीलर टैक्सी, ई-बाइक रेंटल, बाईसाइकिल रेंटल समेत कई ऑप्शन होंगे। इस सुविधा से लोगों को ऑफिस, घर या किसी काम से जाने के लिए इंतजार नहीं करना होगा।

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