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धर्म

Vrishchik Sankranti 2022: आज है वृश्चिक संक्रांति, जानें स्नान-दान समय, पुण्य काल और महत्व

Vrishchik Sankranti 2022: आज 16 नवंबर दिन बुधवार को वृश्चिक संक्रांति है. दिल्ली में वृश्चिक संक्रांति स्पर्श का क्षण शाम 07 बजकर 29 मिनट पर है, जबकि पूर्ण संक्रांति 17 नवंबर को प्रात:काल में है. जानते हैं वृश्चिक संक्रांति के पुण्यकाल और स्नान दान समय के बारे में.

Vrishchik Sankranti 2022: आज 16 नवंबर दिन बुधवार को वृश्चिक संक्रांति है. सूर्य जब वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, तो उस क्षण को सूर्य की वृश्चिक संक्रांति कही जाती है. वृश्चिक संक्रांति से सौर कैलेंडर का नया माह वृश्चिक भी आज से प्रारंभ हो रहा है. दिल्ली में वृश्चिक संक्रांति स्पर्श का क्षण शाम 07 बजकर 29 मिनट पर है, जबकि पूर्ण संक्रांति 17 नवंबर को प्रात:काल में है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं वृश्चिक संक्रांति के पुण्यकाल और स्नान दान समय के बारे में.

वृश्चिक संक्रांति 2022 समय
वृश्चिक संक्रांति के स्पर्श का क्षण: आज, शाम 07 बजकर 29 मिनट पर
इस आधार पर वृश्चिक संक्रांति के स्पर्श का पुण्य काल: आज, दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक.
वृश्चिक संक्रांति के स्पर्श का महा पुण्य काल: आज, दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक

वृश्चिक संक्रांति 2022 पुण्य काल
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, वाराणसी में वृश्चिक संक्रांति का पुण्य काल 17 नवंबर दिन गुरुवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक है. 17 नवंबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर सूर्य वृश्चिक रा​शि में पूर्ण रूप से प्रवेश कर जाएगा. इस वजह से वृश्चिक संक्रांति का स्नान और दान 17 नवंबर को किया जाएगा.

वृश्चिक संक्रांति 2022 स्नान दान समय
वृश्चिक संक्रांति का स्पर्श आज शाम को 07 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है. स्पर्श के समय स्नान और दान का कोई महत्व नहीं है. वृश्चिक संक्रांति 17 नवंबर को सुबह पूर्ण हो रही है. ऐसे में आप इस दिन प्रात:काल से लेकर दोप​हर 01 बजकर 35 मिनट तक स्नान और दान कर सकते हैं. संक्रांति का पुण्य काल 06 घंटा 24 मिनट का होता है.

वृश्चिक संक्रांति 2022 स्नान और दान
वृश्चिक संक्रांति के दिन आप प्रात:काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करें. या फिर घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें. पितरों को जल से तर्पण दें. इसके बाद आप किसी गरीब ब्राह्मण को गेहूं, सब्जी, तिल, वस्त्र आदि दान दें और दक्षिणा देकर विदा करें.

आज के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. सूर्य देव की पूजा ओर मंत्रों का जाप करने से सफलता, यश, पद आदि में वृद्धि होती है.

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