भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कोच्चि में 23 दिसंबर को होने वाली मिनी-नीलामी के लिए इंग्लैंड के नीलामीकर्ता ह्यूग एडमीड्स को रखा है.
इंडियन प्रीमियर लीग 2023 सीजन के पहले होने वाला मिनी ऑक्शन इससे पहले हुई नीलामियों से काफी अलग होगा. चूंकि इस बार टीमों को एक नए टाई-ब्रेक नियम का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा. ये नियम तब काम आएगा, अगर दो या दो से अधिक फ्रैंचाइजियों ने एक खिलाड़ी के लिए बराबर बोली लगाई है और बोली आगे बढ़ाने के लिए लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है.
फ्रेंचाइजी के साथ साझा किए गए नीलामी नियमों के अनुसार, “अगर कोई टीम किसी खिलाड़ी के लिए बोली लगाती है जो कि उनकी आखिरी बोली होगी यानी कि फ़्रैंचाइजी के पास आगे बोली बढ़ाने के लिए अपनी 2023 सैलरी कैप में पर्याप्त राशि नहीं है. अगर एक या एक से अधिक फ़्रैंचाइजी खिलाड़ी के लिए बराबर बोली लगाते हैं, तो नीलामकर्ता आखिरी बोली की राशि में 2023 के लिए तय किए गए लीग शुल्क पर खिलाड़ी को “सोल्ड” घोषित करेगा और निर्धारित करने के लिए पैरा 25 में निर्धारित टाईब्रेक प्रक्रिया को लागू कर ये बताएगा कि कौन सी फ्रेंचाइजी 2023 के लिए खिलाड़ी को साइन करेगी.”
क्या है टाईब्रेक नियम
टाईब्रेक नियम के मुताबिक बीसीसीआई उन सभी फ्रैंचाइजी को एक सीक्रेट बिड डालने के लिए कहेगी, जिन्होंने एक ही खिलाड़ी के लिए मैचिंग बिड लगाई थी. जिसके बाद फ्रैंचाइजियों को एक साइलेंट लिखित बिड (“टाईब्रेक बिड”) जमा करनी होगी जिसके लिए फॉर्म बीसीसीआई देगा.
टाईब्रेक बोली में सभी टीमें एक किस्त में उतनी देय राशि भारतीय रुपये में लिखकर देंगी जिसे जमा कर वो आईपीएल 2023 सीज़न के लिए उस खिलाड़ी की सेवाओं को सुरक्षित करेंगी, गौरतलब है कि ये राशि बीसीसीआई को दी जाएगी ना कि खिलाड़ी को.
जिसके बाद बीसीसीआई लिखित टाईब्रेक बोलियां के फॉर्म को खोलेगा और खिलाड़ी को उस फ्रेंचाइजी में शामिल किया जाएगा जिसने उच्चतम टाईब्रेक बोली लगाई होगी. अगर दो या दो से ज्यादा टाईब्रेक बोलियां समान हैं, तो केवल उन उच्चतम बोलीदाताओं को प्रक्रिया को दोहराने के लिए आमंत्रित किया जाएगा और प्रक्रिया तब तक दोहराई जाएगी जब तक कोई नतीजा नहीं निकलता.
जीतने वाली फ्रेंचाइजी खिलाड़ी के साथ 2023 मानक फॉर्म आईपीएल प्लेयर कॉन्ट्रेक्ट साइन करेगी, जिसमें लीग फीस उसकी अंतिम बोली या मैचिंग बोली की राशि होगी. फ्रेंचाइजी को खिलाड़ी की नीलामी के 30 दिनों के अंदर इसकी टाईब्रेक बोली की राशि (या उच्चतम टाईब्रेक बोली अगर बोली के कई दौर थे) बीसीसीआई को चुकानी होगी.