कोरोना ने पिछले तीन वर्षों में दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले ली. इससे बचाने के लिए दुनियाभर में रिसर्च हुई और कुछ वैक्सीन सामने आईं. भारत में भी सरकार ने कई वैक्सीन को मंजूरी दी. लोगों ने कोरोना से बचने के लिए यह वैक्सीन लगवाई भी. अगर आपने भी वैक्सीन लगवाई है तो उस वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स भी जान लें.
मुंबई : सरकार की दो संस्थाओं ने स्वीकार किया है कि दो वर्षों में एक अरब (100 करोड़) से अधिक भारतीयों को लगाए गए कोविड-19 टीकों के एकाधिक दुष्प्रभाव हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने पुणे के व्यवसायी प्रफुल्ल सारदा की ओर से लगाई गई RTI अर्जी में चौंकाने वाली जानकारी दी है.
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भारत ने एस्ट्राजेनाका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे की ‘कोविशील्ड’ और SII के अपने ‘कोवोवैक्स’ टीके को अनुमति दी है. हैदराबाद स्थित तीन कंपनियों के टीके – सरकार द्वारा संचालित भारत बायोटेक लिमिटेड की ‘कोवैक्सिन’, डॉ. रेड्डीज लैब ने ‘स्पुतनिक वी’, बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड ने ‘कॉर्बेवैक्स’ और बाद में कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड अहमदाबाद ने टीनएजर्स (12-17 उम्र) के लिए ZCOV-D टीके का आयात किया.
इन सभी टीकों के दुष्प्रभावों पर शारदा के पूछे गए सवाल पर ICMR के डॉ. लियाना सुसान जॉर्ज और CDSCO के सुशांत सरकार ने इन सभी टीकों से पैदा होने वाले प्रभावों का हवाला दिया है, जिसमें उनके अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न शामिल हैं.
कोविशिल्ड के साइड-इफेक्ट्स
लाल धब्बे या रैशेस, अकारण लगातार उल्टी, गंभीर या लगातार पेट दर्द या उल्टी के साथ या उल्टी के बिना सिरदर्द, सांस फूलना, सीने में दर्द, अंगों में दर्द या बाहों को दबाने पर सूजन, शरीर में एक तरफ या शरीर के अंगों की कमजोरी या पैरालिसिस, दौरे, आंखों में दर्द, धुंधली दृष्टि या डिप्लोपिया आदि समस्याएं सामने आईं.
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कोवोवैक्स के साइड-इफेक्ट्स
इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द/कोमलता/कठोरता, थकान, बीमार महसूस होना, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी की मतली, ठंड लगना, शरीर में दर्द या अंगों में अत्यधिक दर्द, अस्थेनिया (कमजोरी या ऊर्जा की कमी) ), इंजेक्शन वाली जगह पर खुजली (खुजली, दाने, लाल त्वचा, पित्ती), बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, पीठ दर्द आदि.
कोवैक्सिन के साइड-इफेक्ट्स
इंजेक्शन साइट पर दर्द / सूजन, सिरदर्द, थकान, बुखार, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, मतली, उल्टी, चक्कर आना, कंपकंपी छूटना, पसीना आना, सर्दी लगना और खांसी आना जैसे लक्षण नजर आते हैं.
स्पुतनिक वी के दुष्प्रभाव
ठंड लगना, बुखार, जोड़ों में दर्द, माइलियागिया, नपुंसकता, सिरदर्द, सामान्य बेचैनी, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द/सूजन/हाइपरएमिया, या मतली, अपच, भूख न लगना, या कभी-कभी बढ़े हुए रीजनल लिम्फ नोड्स के साथ प्रकट होता है.
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कॉर्बेवैक्स के क्या साइड इफेक्ट्स
बुखार/पाइरेक्सिया, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, माइलियागिया, मतली, या जोड़ों में दर्द, पित्ती, ठंड लगना, सुस्ती के अलावा इंजेक्शन साइट पर दर्द/इरिथेमा, सूजन, दाने, गंभीर रूप से खुजली या जलन जैसे प्रभाव.
सारदा ने सरकार से डाटा जारी करने का आग्रह किया कि क्या मीडिया, अस्पतालों, टीकाकरण केंद्रों द्वारा इन सभी संभावित दुष्प्रभावों पर पर्याप्त प्रचार किया गया था, और क्या स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के लिए कोई सार्वजनिक सुरक्षा अभियान शुरू किया है.
सारदा ने कहा कि भारत ने दुनियाभर के कई गरीब देशों को करोड़ों टीके दान किए. सवाल यह है कि क्या टीके की सभी संभावित जटिलताओं को उन देशों के लोगों के ध्यान में लाया गया था.
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सरकार ने कहा कि सभी वैश्विक एजेंसियों ने बेंचमार्क निर्धारित किया है कि केवल उन वैक्सीनों पर विचार किया जाएगा, जो कम से कम 50-60 प्रतिशत की प्रभावकारिता (Effectiveness) दिखाते हैं. अधिकांश टीकों ने 70-90 प्रतिशत की प्रभावकारिता दिखाई है. 100 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड -19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली है और साइड इफेक्ट का अनुपात बहुत कम है.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक प्रारंभिक जन-टीकाकरण के बाद अगस्त 2022 से सरकार ने कोविशील्ड और कोवाक्सिन की सशर्त बाजार बिक्री की अनुमति दी है, लेकिन स्पुतनिक वी और कॉर्बेवैक्स विशेष रूप से आपातकालीन उपयोग के लिए बने रहेंगे.