Martial law can be imposed in Pak: राष्ट्रव्यापी चुनावों का प्रस्ताव करते हुए जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के प्रमुख हक ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर राजनीतिक दल का संवैधानिक अधिकार है.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच अब मार्शल लॉ (Martial Law in Pakistan) लगाया जा सकता है. न्यूज़ एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी राजनीतिक दल, जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के प्रमुख सिराजुल हक ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच तनाव के कारण मार्शल लॉ लगाया जा सकता है. वहीं द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए जेआई चीफ हक ने कहा कि मौजूदा पीडीएम सरकार देश पर बोझ बन गई है.
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राष्ट्रव्यापी चुनावों का प्रस्ताव करते हुए, हक ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर राजनीतिक दल का संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा, “सरकार और पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ECP) चुनाव से भागकर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं.”
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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, हक ने कहा कि कार्यवाहक पंजाब सरकार पीडीएम का हिस्सा थी. कार्यवाहक सरकार के बयानों से ऐसा लगता है कि वे लंबे समय तक रहेंगे. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह देश एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से अस्तित्व में आया है और केवल लोकतांत्रिक कार्रवाई के माध्यम से ही कायम रह सकता है. गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए, उन्होंने घोषणा की कि जेआई प्रमुख उन लोगों का विरोध करेंगे जो “संविधान को कमजोर करते हैं”. सत्तारूढ़ गठबंधन के दोहरेपन की ओर इशारा करते हुए, हक ने कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन सहित एक ही दल सत्ता में आने से पहले मुद्रास्फीति का विरोध कर रहे थे. बता दें कि पड़ोसी देश में रिकॉर्ड महंगाई ने लोगों का जीना बेहाल किया हुआ है.