भारतीय मूल का धीरेंद्र प्रसाद 2008 से 2018 तक Apple का कर्मचारी रहा. यह ग्लोबल सर्विस सप्लाई चेन में काम करता था. इस दौरान धोखाधड़ी करके इसने कंपनी 139 करोड़ का चूना लगा दिया.
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नई दिल्ली. किसी भी कंपनी या संस्थान में काम करते हुए चोरी, ठगी या धोखाधड़ी करना बड़ा महंगा साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ऐपल के पूर्व कर्मचारी को धोखाधड़ी करने की सख्त सजा मिली है. ऐपल में काम करने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को धोखा देने और टैक्स से जुड़े अपराधों की साजिश रचने का दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा हुई है. इतना ही नहीं इस कर्मचारी को 19 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 155 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है.
भारतीय मूल के कर्मचारी 55 वर्षीय धीरेंद्र प्रसाद को कंपनी को धोखा देने और 17 मिलियन डॉलर की चपत लगाए जाने का का दोषी पाया गया. इस मामले में सजा का ऐलान होने के बाद इस कर्मचारी को ब्याज समेत 19 मिलियन डॉलर यानी 155 करोड़ चुकाने का आदेश दिया गया है.
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Apple को ऐसे लगाई 139 करोड़ की चपत
द वर्ज के अनुसार, धीरेंद्र प्रसाद 2008 से 2018 तक Apple का कर्मचारी रहा. यह ग्लोबल सर्विस सप्लाई चैन में काम करता था और वेंडर्स से पार्ट्स और सर्विसेज की खरीद करता था. यह कर्मचारी रिश्वत लेता, इनवॉयस में छोड़छाड़ करता, आईफोन के पार्ट-पुर्जे की चोरी करता और इसका पेमेंट ऐपल से लेता था. धीरेंद्र ने पकड़े जाने पर अपने अपराधों को कबूल कर लिया है.
धीरेंद्र ने इन करतूतों के जरिए ऐपल को करीब 139 करोड़ रुपये का चूना लगाया. वह ऐपल के पुराने डिवाइस को ठीक करने के लिए पुर्जे खरीदने से लेकर कई काम करता था. इसके अलावा आईफोन व ऐपल के दूसरे प्रोडक्ट के ऐसे पुराने डिवाइस जो वारंटी में होते थे उसे भी खरीदता था. इसके लिए उसने दो कंपनियों के साथ डील कर रखी थी और ये कंपनियां ऐपल को पार्ट्स बेचती हैं. इन कंपनियों के पार्ट्स खरीदकर धीरेंद्र प्रसाद अपनी जेब भर रहा था.
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अब ब्याज समेत चोरी का पैसा लौटाने का आदेश
धोखाधड़ी के इस पूरे खेल में रॉबर्ड गैरी हैनसेन और डॉन एम बेकर ने धीरेंद्र की मदद की. इस मामले में मार्च 2022 में धीरेंद्र प्रसाद पर आरोप लगा और बाद में धोखा देने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया. इस मामले में अब सजा का ऐलान हुआ और उसे 155 करोड़ रुपये के भुगतान करने का आदेश दिया गया है.
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि प्रसाद ने एक खरीदार के रूप में अपनी स्थिति का फायदा उठाकर और एप्पल की धोखाधड़ी का पता लगाने वाली तकनीकों पर अंदरूनी जानकारी का उपयोग करके आपराधिक गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की.