All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

एयर इंडिया-विस्तारा के मिलन की राह में रोड़ा, सीसीआई ने भेजा नोटिस, विलय प्रस्ताव की होगी जांच?

Air India-Vistara Merger: भारत में प्रतिस्पर्धा को विनियमित करने वाले सरकारी संस्थान सीसीआई ने टाटा की एयर इंडिया को विस्तारा के साथ विलय प्रस्ताव के लिए नोटिस भेजा है. आयोग ने कंपनी को 30 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है.

नई दिल्ली. टाटा की एयर इंडिया और उसके एक अन्य जॉइंट वेंचर विस्तारा के विलय (Air India-Vistara Merger) पर सीसीआई ने पेंच फंसा दिया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एयर इंडिया को इस संबंध में एक नोटिस जारी कर इस बात का जवाब मांगा है कि इस विलय प्रस्ताव की जांच क्यों न की जाए. कंपनी को इसका जवाब 30 दिन के अंदर देने के लिए कहा गया है. अगर सीसीआई जवाब से संतुष्ट होता है तो अनुमति दे देगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो टाटा के पास 2 विकल्प बचेंगे.

ये भी पढ़े ICICI Bank Fraud: CBI का बड़ा खुलासा, चंदा कोचर के पत‍ि ने 11 लाख में खरीदा 5.3 करोड़ का फ्लैट; जान‍िए कैसे?

अगर सीसीआई फैसला करता है कि वह जांच के साथ आगे बढ़ेगा तो टाटा के पास विकल्प यह होगा कि वह विस्तारा में अपनी हिस्सेदारी बेच दे. इसके अलावा एक अन्य विकल्प यह होगा कि वह सीसीआई द्वारा तय मानकों पर खरा उतरे. खबरों के अनुसार, सीसीआई को इस बात का संदेह कि ऐसा होने से टाटा एयर इंडिया को एविएशन सेक्टर में अनुचित लाभ मिल सकता है.

सीसीआई की अनुमति है जरूरी
टाटा ने इसी साल अप्रैल में इस विलय के लिए अनुमति मांगी थी. कोई भी 2 बिजनेस से जो विलय की तैयारी कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत एसेट और टर्नओवर की एक तय सीमा तक पहुंच जाते हैं तो उन्हें सीसीआई की मंजूदी लेनी ही होती है. सीसीआई 2 चरणों में जांच करती है. मिंट के अनुसार, पहला चरण में इस सवाल का जवाब ढूंढा जाता है कि क्या समीक्षाधीन 2 कंपनियों के विलय से उस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा है या पड़ सकता है? दूसरा चरण सीसीआई तब शुरू करता है जब उसे कुछ हद तक विश्वास हो जाता है कि विलय के कारण प्रतिस्पर्धा पर बुरा असर पड़ने वाला है.

ये भी पढ़ेएक जुलाई को HDFC Bank के साथ मर्ज हो जाएगा एचडीएफसी लिमिटेड, जानिए ग्राहकों पर क्या होगा असर

सीसीआई की अनुमति है जरूरी
टाटा ने इसी साल अप्रैल में इस विलय के लिए अनुमति मांगी थी. कोई भी 2 बिजनेस से जो विलय की तैयारी कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत एसेट और टर्नओवर की एक तय सीमा तक पहुंच जाते हैं तो उन्हें सीसीआई की मंजूदी लेनी ही होती है. सीसीआई 2 चरणों में जांच करती है. मिंट के अनुसार, पहला चरण में इस सवाल का जवाब ढूंढा जाता है कि क्या समीक्षाधीन 2 कंपनियों के विलय से उस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा है या पड़ सकता है? दूसरा चरण सीसीआई तब शुरू करता है जब उसे कुछ हद तक विश्वास हो जाता है कि विलय के कारण प्रतिस्पर्धा पर बुरा असर पड़ने वाला है.

ये भी पढ़ेबैंक जानें की क्या है जरूरत, मोबाइल पर चेक करें स्टेटमेंट, बस कुछ स्टेप्स करें फॉलो, हर जानकारी मिलेगी हाथोंहाथ

क्या है प्रस्ताव?
टाटा चाहती है कि उसकी एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस के साथ उसके जॉइंट वेंचर विस्तारा का विलय कर दिया जाए. इस विलय में 51 फीसदी हिस्सेदारी टाटा की होगी जबकि 25 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस के पास जाएगी. टाटा ने सीसीआई को दिए प्रस्ताव में कहा है कि इस विलय से भारत में उड्डयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. ऐसा माना जा रहा है कि टाटा इस विलय के बाद विस्तारा ब्रांड को खत्म कर देगी. साथ ही वह एविएशन मार्केट में इंडिगो को टक्कर देने की भी तैयारी में है, जो अभी 60 फीसदी मार्केट शेयर के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top