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अगला एलन मस्क! छोटी-सी उम्र में कारनामे बड़े-बड़े, दिमाग सुपर-कंप्यूटर, फिलहाल दुनिया का सबसे यंग बिलियनेयर

Scale AI के सीईओ और दुनिया का सबसे युवा अरबपति एलेक्जेंडर वांग को हाल ही में WTF इनोवेटर्स अवॉर्ड मिला है. वांग केवल 19 साल के थे जब उन्होंने लुसी गुआ के साथ मिलकर स्केल एआई को शुरू किया था. आज स्केल एआई एक मल्टी बिलियन डॉलर कंपनी बन चुकी है.

नई दिल्ली. कहते हैं अगर मन में जज्बा हो, तो कायनात आपके कदमों में आ जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है एलेक्जेंडर वांग की. वांग को ट्रेडिशनल एजुकेशन सिस्टम पर कुछ ज्यादा भरोसा नहीं था. उन्होंने अपना रास्ता खुद चुनने के बारे में सोचा और आज वो दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपति बन चुके हैं. 2022 में 25 साल के वांग को अमेरिकी एयर फोर्स और आर्मी की मदद करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट्स भी मिले थे. जिस तरह की तरक्की वांग ने दिखाई है, उसके बाद लोग उन्हें अगला एलन मस्क कह रहे हैं.

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वांग शुरुआत से ही मैथ्स और टेक्नोलॉजी के मास्टर थे. उन्होंने बचपन से ही मैथ्स और कोडिंग के फील्ड में होने वाले कॉम्पिटीशन्स में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था, इन कॉम्पिटीशंस में वो लगातार जीतते भी रहे. साल 2022 की फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैन फ्रांसिस्को स्थित वांग की कंपनी स्केल एआई (Scale AI) के पास 2022 में तीन अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट्स थे जिनकी वैल्यू 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी.

कैसे की मल्टी मिलियन डॉलर कंपनी की शुरुआत?
वांग ने 19 की उम्र में ही 325 मिलियन डॉलर की फंडिंग पा ली थी. उस वक्त स्केल एआई की वैल्यू 7.3 बिलियन डॉलर की थी. अपनी कंपनी में वांग की हिस्सेदारी 15% है, जिसकी कीमत लगभग 1 बिलियन डॉलर के आस-पास है. रिपोर्ट के मुताबिक, वांग दुनिया के सबसे युवा सेल्फ मेड बिलियनेयर हैं.

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क्या करती है स्केल AI
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्केल एआई की तकनीक बहुत तेज है.कंपनी का एआई सैटेलाइट इमेज के आधार पर डेटा का विश्लेषण कर लेता है. यह सर्विस सिर्फ मिलिट्री के ही नहीं, बल्कि कई फील्ड्स के काम आती है.

फोर्ब्स के हिसाब से स्केल एआई का इस्तेमाल फ्लेक्सपोर्ट और जनरल मोटर्स सहित लगभग 300 कंपनियां करती हैं. ये एआई साधारण डेटा से जरूरी जानकारी निकाल सकता है. कुछ-कुछ ऐसा समझ लीजिए कि यह एआई घास से ढेर में से सुई ढूंढने का काम करता है. अब अगर किसी इंसान को लगभग 10 हजार पन्नों की रिपोर्ट पढ़ एक वाक्य में उसका सार समझाना हो, तो वक्त तो लगेगा ही. ऐसे ही रॉ फुटेज देखना, डॉक्युमेंट्स का एनालिसिस करना, सैटेलाइट इमेज का ध्यान देना सब कुछ स्केल एआई मिनटों में कर देता है.

वांग ने फोर्ब्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “हर इंडस्ट्री के पास बहुत सारा डेटा है. हमारा मकसद है कि हम उस डेटा में मौजूद जानकारी को बाहर निकालकर उनके बिजनेस को और आगे बढ़ाएं.”

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कैसा था वांग का बचपन?
वांग के माता-पिता फिजिसिस्ट थे और अमेरिकी मिलिट्री के हथियारों के प्रोजेक्ट्स पर काम किया करते थे. स्कूली पढ़ाई के दौरान ही वांग का इंटरेस्ट कोडिंग की तरफ चला गया. उन्होंने कोरा (Quora) के लिए कोडिंग शुरू की जहां उनकी मुलाकात लूसी गुआ से हुई. इस मुलाकात ने ही स्केल एआई की नींव रखी.

वांग ने अपने इंटरेस्ट को ही अपना करियर बना लिया और मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से कंप्यूटर साइंस और मैथ्स की डिग्री हासिल की. अपनी यूनिवर्सिटी में पहले साल में ही उन्होंने गुआ के स्केल एआई की स्थापना कर दी. उनका बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ा और यूएस स्टार्ट अप Y कॉम्बिनेटर से फंडिंग मिलने के बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा.

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