Sovereign Gold Bond: RBI ने SGB के समय से पहले निकासी के लिए कैलेंडर जारी किया है. यह अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के लिए है.
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Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) आठ साल की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन कोई भी इन गोल्ड बॉन्ड को पांच साल के बाद समय से पहले भुनाया जा सकता है. मैच्योरिटी से पहले भुनाने के लिए विंडो हर छह महीने में खुलती है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 01 अक्टूबर, 2023 से 31 मार्च, 2024 की अवधि के दौरान SGB किस्तों के समयपूर्व निकासी का डीटेल देते हुए एक कैलेंडर जारी किया है.
हालांकि, अगर कहीं पर जारी कैलेंडर की तारीखों में छुट्टी घोषित की जाती है तो तारीखों में बदलाव किया जा सकता है. केंद्रीय बैंक ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि इन्वेस्टर्स को सलाह दी जाती है कि यदि वे मैच्योरिटी से पहले अपनी होल्डिंग्स को भुनाना चाहते हैं, तो SGB के निकासी के लिए रिक्वेस्ट जमा करने की अवधि पर ध्यान दें.
RBI ने इन्वेस्टर्स को फ्लेक्जिबिलिटी प्रदान करते हुए सॉवरेन गोल्ड बांड के समय से पहले भुगतान की तारीखों का ऐलान किया है.
अक्टूबर 2023 – मार्च 2024 के बीच SGB समयपूर्व निकासी की तारीखें
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SGB 2017-18 सिरीज III के लिए जो 16 अक्टूबर, 2017 को जारी किया गया था, निवेशकों के समयपूर्व निकासी के लिए रिक्वेस्ट जमा करने की तारीखें 16 सितंबर, 2023 से शुरू होकर 6 अक्टूबर, 2023 तक होंगी.
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SGB 2017-18 सिरीज IV के लिए जो 23 अक्टूबर, 2017 को जारी किया गया था, निवेशकों द्वारा समयपूर्व निकासी के लिए रिक्वेस्ट जमा करने की तारीखें 23 सितंबर, 2023 से शुरू होकर 13 अक्टूबर, 2023 तक होंगी.
SGB 2017-18 सीरीज़ V के लिए जो 30 अक्टूबर, 2017 को जारी किया गया था, निवेशकों द्वारा समयपूर्व निकासी के लिए रिक्वेस्ट जमा करने की तारीखें 30 सितंबर, 2023 से शुरू होकर 20 अक्टूबर, 2023 तक होंगी.
क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड (SGB)?
SGB फिजिकल गोल्ड में निवेश का सही विकल्प है. इन बांडों के साथ, आप कैपिटल में ग्रोथ का आनंद ले सकते हैं और हर साल ब्याज भी कमा सकते हैं. बांड में न्यूनतम निवेश एक ग्राम है और हर फाइनेंशियल ईयर में व्यक्तियों के लिए अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम है. योग्य निवेशकों में व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थान शामिल हैं.
सॉवरेन गोल्ड बांड पर टैक्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज का पेमेंट निर्गम मूल्य पर 2.50% की दर से किया जाता है और यह आपके बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है.
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जहां तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को इनकैश कराने के समय होने वाले मुनाफे का सवाल है, तो यह टैक्स-फ्री होता है. निकासी पर किए गए मुनाफे के लिए यह नियम लागू होता है, चाहे 8 साल का समय पूरा होने पर निकासी की जाए या उससे पहले निकालने पर, जिसे 5 साल के बाद निकालने की अनुमति होती है.