Indian’s Income- पांच लाख रुपये से ज्यादा सालाना कमाने वाले परिवारों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है. ये परिवार कई इंडस्ट्रीज की ग्रोथ की धुरी बने हुए हैं.
नई दिल्ली. भारत में लोगों की आय (Income) में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो रही है. साल 2012 से लेकर 2021 तक देश में पांच लाख रुपये सालाना कमाने वालों की तादाद में करीब पांच गुना बढ़ोतरी हो गई. यह खुलासा हुआ है फाइनेशियल सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनी बीएनपी परिबास (BNP Paribas) के शोध में. बीएनपी परिबास ने आयकर विभाग (Income Tax department) के साल 2012 से साल 2021 तक के डेटा का विश्लेषण कर बताया है कि भारत में पांच लाख रुपये सालाना कमाने वाले लोग वित्त वर्ष 2012 में 38 लाख थे, लेकिन वित्त वर्ष 2021 में इनमें पांच गुना बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा 1.8 करोड़ हो हो गया.
बीएनपी परिबास का कहना है कि सालाना पांच लाख तक कमाने वाले लोगों की संख्या में अब और भी बढ़ोतरी हो गई है क्योंकि उसे आईटी डिपार्टमेंट ने केवल साल 2021 तक का ही डेटा उपलब्ध कराया था.
बीएनपी परिबास की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड महामारी के दौरान लोगों की आय में गिरावट आई थी, लेकिन इसके बावजूद भी पांच लाख या उससे ज्यादा कमाने वालों की संख्या में इजाफा देखा गया है. तो संभव है कि महामारी खत्म होने और अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने से वित्त वर्ष 2022 और 2023 में ये नंबर्स और ज्यादा हो गए हों.
कमाई बढ़ने के क्या हैं कारण
आईटी सर्विसेज और फाइनेंशियल सर्विसेज समेत सर्विस सेक्टर में मजबूती के कारण पिछले दशक में भारत के उच्च आय वाले परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यह हिस्सा भारत के अमीर घराने का एक छोटा हिस्सा है और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. आसानी से लोन मिलने से भी लोगों को अपना काम-धंधा खड़ा करने और बढ़ाने में सहायता मिली है. इससे भी कमाई बढ़ी है.
ये भी पढ़ें– RBI ने Repo Rate रेट को 6.5% पर रखा स्थिर, इन्फ्लेशन की चिंता बरकरार
बीएनपी परिबास की रिपोर्ट के अनुसार, आय बढ़ने से ऑटोमोबाइल, वित्तीय सेवाएं, आभूषण, होटल, रियल एस्टेट, सिगरेट, मल्टीप्लेक्स और अस्पताल जैसे क्षेत्रों को एफएमसीजी, मीडिया प्रसारण जैसे क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा लाभ हुआ है. पांच लाख रुपये से ज्यादा कमाई वाले परिवारों की संख्या भले ही भारत की कुल आबादी का केवल करीब 10 फीसदी हो, लेकिन ये बहुत सी इंडस्ट्रीज के ग्रोथ की धूरी बने हुए हैं.