राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत पैसे निकालने को अंशधारकों के लिए ‘पेनी ड्रॉप’ वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। इससे अंशधारकों के पैसे का समय पर ट्रांसफर करना सुनिश्चित होगा। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से यह जानकारी दी गई है।
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क्या है पेनी ड्रॉप
पेनी ड्रॉप प्रक्रिया के तहत रिकॉर्ड रखने वाली केंद्रीय एजेंसियां (सीआरए) बैंक बचत खाते की सक्रिय स्थिति देखती हैं और बैंक खाता संख्या और ‘प्राण’ (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) या दाखिल किए गए दस्तावेजों में दिए गए नाम का मिलान करती हैं। ये प्रावधान एनपीएस, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और एनपीएस लाइट में सभी प्रकार की निकासियों के साथ-साथ ग्राहकों के बैंक खाता विवरणों में बदलाव के लिए लागू होंगे।
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लाभार्थी के बैंक खाते में एक छोटी राशि डालकर और पेनी ड्रॉप प्रतिक्रिया के आधार पर नाम का मिलान करके ‘परीक्षण लेनदेन’ करके खाते की वैधता सत्यापित की जाती है।
पेनी ड्रॉप वेरिफिकेशन जरूरी
पीएफआरडीए की एक हालिया अधिसूचना के अनुसार नाम मिलान, निकास/निकासी आवेदनों को संसाधित करने और ग्राहक के बैंक खाते के विवरण को संशोधित करने के लिए पेनी ड्रॉप वेरिफिकेशन आवश्यक रूप से सफल होना चाहिए।
नवंबर में चलेगा अभियान
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इस बीच, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग 70 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सक्षम बनाने के लिए नवंबर, 2023 में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 का आयोजन करेगा। 17 बैंकों के सहयोग से भारत भर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) शिविर आयोजित किए जाएंगे।