Aak Leaves Benefits: आक का पौधा ग्रामीण इलाकों में आसानी से देखने को मिल जाता है. इसे अकोवा भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस पौधे के पत्ते डायबिटीज के मरीजों के लिए चमत्कारी हो सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट इसे नेचुरल पेनकिलर के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. आक के पत्तों के बारे में कुछ जरूरी बातें सभी को जाननी चाहिए.
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Aak Leaves Medicinal Uses: हमारे देश में लंबे समय से जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. पारंपरिक चिकित्सा में कई पौधे औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं और इनके पत्तों, फूलों और जड़ों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है. ऐसा ही एक पौधा आक (Aak Plant) है, जिसे बोलचाल की भाषा में अकोवा भी कहा जाता है. आमतौर पर इस पौधे को लोग जहरीला मानते हैं और इससे दूरी बना लेते हैं. हालांकि आयुर्वेद में इस पौधे को सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है और कई परेशानियों से निजात दिलाने के लिए इसके पत्तों का उपयोग किया जाता है. कई रिसर्च में यह भी कहा गया है कि आक के पत्तों में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं और इनका सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है.
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार आक के पत्तों में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं. चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पता चला था कि आक के पत्तों और इसके फूलों का अर्क सीरम ग्लूकोज के स्तर को कम करने में प्रभावी हो सकता है. आक के पत्ते और फूल इंसुलिन रजिस्टेंट को रोकते हैं और ब्लड शुगर के लेवल में सुधार करते हैं. स्टडी में आक के पत्तों में एंटीडायबिटिक गुण सामने आए. कई लोग यह मानते हैं कि आक के पत्तों का सही तरीके से सेवन किया जाए, तो ब्लड शुगर को तेजी से कंट्रोल किया जा सकता है. इतना ही नहीं, कुछ लोग आक के पत्तों को पैरों के तलवे में लगाकर सोते हैं, ताकि उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे. दावा किया जाता है कि आक के पत्ते हर तरह से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं.
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इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर और आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. लोकेश चौधरी के मुताबिक डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसे आक के पत्तों से कंट्रोल करना संभव नहीं है. इसके पत्तों को पीसकर चूर्ण बनाकर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन शुगर के मरीजों के लिए इसे रामबाण नहीं माना जा सकता है. आयुर्वेद में आक को पंचश्री वृक्षों में से एक माना गया है. इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. आक के पत्तों के अलावा फूल भी बेहद लाभकारी होते हैं. अगर किसी को डायबिटीज है, तो उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट कराना चाहिए और एक्सपर्ट की सलाह के बिना घरेलू नुस्खों को नहीं अपनाना चाहिए.
नेचुरल पेनकिलर माने जाते हैं यह पत्ते
डॉ. लोकेश चौधरी कहते हैं कि आक के पत्ते नुचरल पेनकिलर का काम करते हैं और इन्हें घुटनों पर बांधने से दर्द से राहत मिल सकती है. जिन लोगों के एंकल की हड्डी बढ़ जाती है और तेज दर्द होने लगता है, उन्हें भी इस पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए. रात को पैरों के तलवे में पत्ते बांधने से नींद अच्छी आएगी और स्ट्रेस कम होगा. कई आयुर्वेदिक दवाओं में आक के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है.