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हेल्थ

दिल्ली में हार्ट अटैक से मरने वालों की बढ़ सकती है संख्या, एयर पलूशन के बीच कार्डियोलॉजिस्ट ने चेताया

Delhi NCR Severe AQI: यदि किसी को दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ता है तो दिल्ली एनसीआर में खतरनाक एयर पलूशन के कारण शख्स के बचने के चांसेस कम हो जाते हैं. ऐसा कहना है बेंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति का…

Delhi Air Pollution Heart Attack Death: दिल्ली सरकार ने भले ही वायु प्रदूषण को देखते हुए ग्रैप-4 (GRAP-4) की पाबंदियां लागू कर दी हैं लेकिन दिल्ली में एयर पलूशन का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. दिल्ली में एक्यूआई (AQI) लगातार 400 के पार ही बना हुआ है. एयर पलूशन के चलते न सिर्फ दिल्ली बल्कि एनसीआर का पूरा इलाका घने प्रदूषण की चपेट में है. पलूशन का स्तर इतना ज्यादा है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, आंखों में जलन और यहां तक कि स्किन की गंभीर समस्या भी लगातार हो रही हैं. बेंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने पलूशन के असर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके चलते दिल के दौरे के कारण मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है.

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वह कहते हैं कि बढ़े हुए पीएम2.5 (PM 2.5) के बीच लगातार रहने रहे लोगों को दिल के दौरे के कारण मौत का खतरा बढ़ जाता है. अब जब दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण इस स्तर के पार है तो यह खतरा और अधिक बढ़ गया है. कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया है जिसमें कहा है कि ‘वायु प्रदूषण हृदय से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जाता है लेकिन इसे थोड़ा कम करके देखा जाता है.’ डॉक्टर दीपक बताते हैं कि आगे लिखा कि पलूशन में काफी बारीक कण (पीएम2.5) के बहुत ज्यादा रहने से एंडोथेलियल डिसफंक्शन और कोरोनरी में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है. सिस्टमेटिक इन्फ्लेमेशन के चलते एथेरोस्क्लेरोसिस और थ्रोम्बस (थक्का बनना) तेजी से बढ़ जाता है.

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पलूशन ऐसे दिल पर करता है वार

पिछले समय में एयर पलूशन के असर पर हमारी टीम ने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वनीता अरोरा से बात की थी. उन्होंने कहा था कि पलूशन के कारण खतरनाक कण इंसान की सांस की नली के चलते शरीर में पहुंच जाते हैं. ये सीधा दिल पर असर करते हैं और धमनियों को डैमेज करते हैं. धमनियों में खून की प्रवाह प्रभावित होता है और थक्का बन जाता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचेगा या सप्लाई प्रभावित होगी तो हार्ट अटैक की सिचुएन पैदा हो जाती है.

कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक ने पूर्व में ट्विटर और अब एक्स पर इन्फोग्राफिक्स शेयर करते हुए ये बात कही. हृदय रोगों से होने वाली 25 प्रतिशत मौतें जानलेवा वायु प्रदूषण के संपर्क में आने के कारण हुईं. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, एक और धुंध भरे दिन में रविवार को दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ बनी रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 482 पर रहा. (आईएएनएस से इनपुट)

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