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हेल्थ

बढ़ती उम्र को झटककर दूर भगा देती है प्याज, विटामिन-मिनरल की खान, कई रोगों में फायदेमंद

Do you know onion benefits: तीन हजार वर्ष पूर्व लिए गए भारतीय आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में प्याज (पलाडुं) के गुणों का वर्णन है. प्याज में फैट न के बराबर होता है तो इसमें फासफोरस, सल्फर, विटामिन ए, विटामिन सी, प्रोटीन, के अलावा कैल्शियम व आयरन भी पाया जाता है.

Onion antibacterial and anti-inflammatory: प्याज के दाम आज घट-बढ़ रहे हैं और लोगों को लगता है कि कुछ दिन प्याज से परहेज किया जाए. ये तो आपकी मर्जी है, लेकिन प्याज ऐसी सब्जी है जो जिसके बिना रसोई का ‘स्वाद’ अधूरा-अधूरा सा लगेगा. वह इसलिए कि प्याज भोजन में स्वाद तो भरती ही है, साथ ही अपने असीमित गुणों के कारण शरीर को कई रोगों से बचाए रखती है. बढ़ती उम्र को दूर रखने (Anti aging)  का गुण तो है ही इसमें, साथ ही यह हृदय को तंदुरुस्त बनाए रखती है और पेट के लिए भी लाभकारी है. प्याज में ‘जवान’ बनाए रखने की भी अद्भुत क्षमता है. फूड एक्सपर्ट प्याज को रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी भी मानते हैं. आयर्वुद (Ayurveda on Onion) और यूनानी चिकित्सा पद्धति भी प्याज को खास बताया गया है.

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कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, क्या नहीं है प्याज में!

सब्जियों में प्याज एक ऐसा आइटम है, जिसके दाम हर साल बढ़ जाते हैं और जब इसकी आवक बढ़ जाती है तो दामों में भारी कमी आ जाती है. जो लोग प्याज के गुणों के जानकार हैं, वह हर मौसम में इसका सेवन करते हैं. लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘VEGETABLES’ में बताया है कि इसे सब्जी में स्वाद भरने के अलावा उसे गाढ़ा करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है, साथ ही सलाद में या कच्चा भी आसानी से खाया और हजम किया जा सकता है. चौधरी के अनुसार प्याज में फैट न के बराबर होता है तो इसमें फासफोरस, सल्फर, विटामिन ए, विटामिन सी, प्रोटीन, के अलावा कैल्शियम व आयरन भी पाया जाता है. उनका कहना है कि प्याज का पोषक मूल्य विभिन्न किस्मों के हिसाब से अलग-अलग होता है.

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इस्लामिक देशों में ज्यादा क्यों खाई जाती है प्याज!

इस्लामिक देशों में प्याज की खपत सबसे अधिक मानी जाती है. उसका कारण है कि प्याज में बुढ़ापे के समय को दूर किए रखने की क्षमता है. यह पेट के लिए भी बहुत लाभकारी है और पाचन सिस्टम को एकदम दुरुस्त करती है. आपको बता दें कि जब भारत में प्याज की कमी हो जाती है तो उसे पाकिस्तान व अफगानिस्तान से मंगाया जाता है. जितने भी मुगलई व्यंजन हैं, खासकर मांसाहारी, उनमें प्याज का इस्तेमाल इसलिए अधिक किया जाता है, क्योंकि यह भारी भोजन को भी हजम करने में मदद करती है. पंजाबी भोजन में भी इसीलिए प्याज का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह कब्ज से मुक्त रखती है.

करीब तीन हजार वर्ष पूर्व लिए गए भारतीय आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में प्याज (पलाडुं) के गुणों का वर्णन है और बताया गया है कि प्याज कफ व वायुनाशक है. यह शरीर में बल पैदा करती है. यह वृष्यकारी (सीमेन व सेक्सपॉवर बढ़ाने वाली) भी है. तो आप समझ गए होंगे कि प्याज का आखिर इतना अधिक उपयोग क्यों किया जाता है. प्याज के और गुणों के बारे में भी आपको जानकारी देते हैं.

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1. फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर ने कहा है कि प्याज पर अनेक रिसर्च किए गए हैं और कुछ रिसर्च में इसे चमत्कारी भी बताया गया है. इसमें फ्लेवोनोइड्स (सूजनरोधी) व ऑर्गनोसल्फर (बैक्टिरियल व हाई बीपी रोधी) अवयव पाए जाते हैं जो हार्ट रोग को दूर रखने में मदद करते हैं, साथ ही हाई बीपी को भी कंट्रोल रखने में भूमिका निभाते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि प्याज खून का पतला करने में मदद करती है, जिससे हार्ट अटैक व स्ट्रोक की खतरा कम हो जाता है.

2. एक रिसर्च में यह भी जानकारी दी गई है कि प्याज का अर्क ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को भी कम रखने में मदद करता है. उसका कारण यह है कि इसमें मौजूद सल्फर ग्लूकोजरोधी माना जाता है. अब अगर प्याज के अर्क की बात कर रहे हैं तो आम प्रचलन में है कि अगर कान में दर्द से छुटकारा नहीं मिल रहा है तो प्याज का अर्क कान में डाल दें, दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है. प्याज के अर्क को अगर स्किन पर लगाया जाए तो मुरझाई हुई स्किन चमकदार हो जाएगी और कसावट भी पैदा करने लगेगी. इसके रस को अगर बालों पर लगाया जाए तो वह झड़ने बंद हो जाएंगे, साथ ही जूं से भी निजात मिल जाएगी.

3. प्याज का सेवन डाइजेशन को बेहतर बनाता है साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाए रखने में मदद करता है. प्याज में इनुलिन (विशेष प्रकार का फाइबर) पाया जाता है जो आंतों के लिए बेहद लाभकारी है. उसका लाभ यह होता है कि डाइजेशन पॉवर स्मूद रहेगी, कब्ज से बचाव होगा और पेट दर्द व पेट की कीड़ों से भी बचाव रहेगा. रिसर्च यह भी बताते हैं कि प्याज में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) को रोकने के भी गुण पाए जाते हैं. यह गठिया और जोड़ों की सूजन से भी बचाव करती है. ऐसा भी माना जाता है कि प्याज का नियमित सेवन साइनस से बचाता है.

4. प्याज में शरीर को रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी बनाए रखने के गुण हैं, तभी इसे शरीर के लिए सर्वगुण संपन्न माना जाता है. प्याज में सेलेनियम (विशेष प्रकार का एंटिऑक्सीडेंट) होता है जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाकर उसे सामान्य रोगों से बचाए रखता है. यह इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाने में अहम रोल अदा करती है और बेड कोलेस्ट्रॉल को दूर रखती है. ऐसा भी माना जाता है कि जिन लोगों का सांस संबंधी समस्या है, वह अपने भोजन में प्याज को नियमित कर लें तो उन्हें राहत मिल सकती है. तो आप समझ गए न. प्याज के दामों को लेकर झंझट में न पड़ें, तामसिक ही सही, लेकिन कच्चे-पक्के रूप में अगर इसे अपने भोजन में शामिल कर लेंगे शरीर और मन सानंद रहेगा.

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