All for Joomla All for Webmasters
वित्त

किसी फाइनेंशियल एमर्जेंसी में FD तोड़कर निकालें पैसे या लोन लेकर चलाएं काम, जानें- कैसे लें सही फैसला?

FD तोड़ने और लोन लेने के बीच का निर्णय खास परिस्थितियों और पर्सनल प्रायरिटीज पर निर्भर करता है. यदि धन की आवश्यकता तत्काल है और एफडी तोड़ने पर जुर्माना स्वीकार्य हो तो FD तोड़ सकते हैं.

ये भी पढ़ें– पति-पत्नी के लिए PO की जबरदस्त स्कीम, मिलकर डालें पैसा और ब्याज से कमा लें ₹1.85 लाख!

पर्सनल फाइनेंस के सेक्टर में, किसी के लिए किसी भी वक्त एमर्जेंसी पड़ सकती है, जो उसके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग के फ्लेक्जिबिलिटी का एक टेस्ट कर सकती है. जिन लोगों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश किया है, उनके लिए तत्काल पैसे की जरूरत हो सकती है. लेकिन, उस समय उसके सामने पसोपेश की स्थिति पैदा हो जाती है. एफडी को तोड़ने और पैसे निकालने या इसके एवज में लोन लेने का फैसला महत्वपूर्ण होता है, जिसमें कई फैक्टर्स पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत होती है.

अपनी सेक्योरिटी और गारंटीड रिटर्न के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट एक पॉपुलर इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है. हालांकि, जरूरी फाइनेंशियल परिस्थितियां पैदा होने पर जीवन की अनिश्चितताओं के लिए सर्वोत्तम कार्रवाई के रीवैल्यूएशन की आवश्यकता हो सकती है. आइए, यहां पर यह समझने की कोशिश करते हैं कि ऐसी स्थितियों में किस तरह से फैसला लेना चाहिए?

एफडी तोड़ना

एफडी तोड़ने में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना शामिल है. यह विकल्प इन्वेस्ट की गई राशि तक तत्काल पहुंच प्रदान करता है, फाइनेंशियल जरूरतों का त्वरित समाधान प्रदान करता है.

एफडी तोड़ने के फायदे क्या हैं?

तत्काल तरलता: एफडी तोड़ने से तुंरत पैसे आपके पास आ जाते हैं, जिससे एमर्जेंसी से निपटने के लिए आपके पास पैसे होते हैं.

कोई ब्याज लागत नहीं: लोन के विपरीत, निकाली गई राशि पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है.

एफडी तोड़ने के नुकसान क्या हैं?

पेनाल्टी: बैंक आम तौर पर एफडी को जल्दी तोड़ने पर जुर्माना वसूलते हैं, जिससे कुल रिटर्न में कमी आती है.

इंटरेस्ट इनकम का नुकसान: एफडी तोड़ने का मतलब उस ब्याज को जब्त करना है जो मैच्योरिटी तक पहुंचने पर अर्जित होता.

ये भी पढ़ें– Compounding का फॉर्मूला बनाएगा अमीर, इन स्‍कीम्‍स में मिलेगा बड़ा फायदा, करोड़पति बनना भी बड़ी बात नहीं

एफडी पर लोन लेना

एफडी तोड़ने का एक ऑप्शन इसके बदले लोन लेना है. कई फाइनेंशियल संस्थान यह सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे व्यक्तियों को गिरवी के रूप में अपनी एफडी का लाभ उठाने की अनुमति मिलती है.

लोन लेने के फायदे क्या हैं?

निवेश बनाए रखें: एफडी पर लोन लेकर, निवेशक मूल राशि बरकरार रख सकते हैं और मैच्योरिटी तक ब्याज अर्जित करना जारी रख सकते हैं.

कम ब्याज दरें: एफडी पर लोन आम तौर पर असुरक्षित लोन की तुलना में कम ब्याज दरों के साथ आते हैं.
दोष:

प्रोसेसिंग शुल्क: फाइनेंशियल संस्थान एफडी पर लोन लेने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क ले सकते हैं, जिससे प्राप्त नेट रकम कम हो जाती है.

डिफ़ॉल्ट का रिस्क: लोन चुकाने में विफल रहने पर बैंक को बकाया राशि की वसूली के लिए एफडी को समाप्त करना पड़ सकता है.

बेहतर ऑप्शन चुनना

एफडी तोड़ने और लोन लेने के बीच का निर्णय खास परिस्थितियों और पर्सनल प्रायरिटीज पर निर्भर करता है. यदि धन की आवश्यकता तत्काल है और एफडी तोड़ने पर जुर्माना स्वीकार्य है, तो यह एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है. दूसरी ओर, यदि निवेश को बनाए रखना और ब्याज लागत को कम करना प्राथमिकता है, तो एफडी के बदले लोन का विकल्प चुनना अधिक विवेकपूर्ण हो सकता है.

ये भी पढ़ें– अब SBI Yono ऐप के जरिए नेशनल पेंशन सिस्टम में खोल सकेंगे अकाउंट, जानिए पूरा प्रोसेस

गौरतलब है कि फाइनेंशियल एमर्जेंसी की स्थितियों के लिए गहन तरीके से विचार और प्रत्येक विकल्प के मतलब की सही समझ की आवश्यकता होती है. लोगों को अपनी प्राथमिकताओं का आकलन करना चाहिए, शामिल लागतों का मूल्यांकन करना चाहिए और वह विकल्प चुनना चाहिए जो उनके समग्र फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप हो.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top