भारत में यूट्यूब के हेड ऑफ पब्लिक पॉलिसी और सरकारी अफेयर्स Mira Chatt को 15 जनवरी को नोटिस मिला है। ये नोटिस नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की तरफ से दिया गया है।
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नोटिस में कहा गया है कि वह चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल (CSAM) पर रोक लगाने में फेल हुई हैं। साथ ही उन पर बच्चों से संबंधित अन्य कंटेंट पर भी रोक न लगाने के लिए दोषी ठहराया गया है।
NCPCR हेड Priyank Kanoongo ने 10 जनवरी को पत्र जारी करते हुए मीरा को ऑफिस में पेश होने के लिए कहा है। अगर वह पेश नहीं होती हैं तो इसके बाद यूट्यूब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। पेश नहीं होने की स्थिति में यूट्यूब के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए मीरा को पेश तो होना ही पड़ेगा।
बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली बॉडी ने मीरा चट्ट से कहा है कि वह ऐसे चैनल की लिस्ट लेकर पेश हों जो बच्चों के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट पेश कर रहे हैं। ऐसे में चैनल्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। लेकिन लिस्ट सामने आने के बाद यूट्यूब से इन पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा जा सकता है।
इस दौरान, महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने यूट्यूब इंडिया के अधिकारियों और कुछ ऐसे चैनल्स के खिलाफ FIR दर्ज की है जो बच्चों के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट पेश कर रहे हैं। ये एफआईआर भी NCPCR के नोटिस के बाद दर्ज की गई है। ऐसे में यूट्यूब को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अभी तक यूट्यूब इंडिया की तरफ से मेल का कोई जवाब नहीं दिया गया है।
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एक्सपर्ट्स ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि बच्चों को लेकर आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक लगी हुई है। IT रूल्स 3(1)(b) के तहत ऐसे कंटेंट पेश करने पर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में यूट्यूब को ऐसे कंटेंट को रोकने के लिए तुरंत कोई कदम उठाना चाहिए।