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दुनिया

China की लड़खड़ाती इकोनॉमी को ‘2 सेशंस’ से उम्‍मीद, क्‍या है ये प्रोग्राम जिस पर टिकी दुनियाभर की नजरें?

Chinese Economy: चीन की पिछड़ती अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि, बड़े पैमाने पर कर्ज और गिरते निर्यात से जूझ रही है. चीन के सामने अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना एक बड़ी चुनौती है. 

China News: बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) और चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) की बैठक के साथ ही चीन के दो सेशंस कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार से होने जा रही है.  ये आयोजन चीन के राजनीतिक वर्ग के साथ-साथ व्यापार, तकनीक, मीडिया और कला के नेताओं को एक मंच पर लाता है.

चीनी भाषा में इस आयोजन लिआंगहुई के रूप में जाना जाता है. यह चीन के विधायी एजेंडे का एक वार्षिक कार्यक्रम है और लगभग दो सप्ताह तक चलता है. इस दौरान नए कानूनों, राजनीतिक नियुक्तियों, वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग जैसे विभिन्न विभागों के कामकाज का विवरण देने वाली सरकारी वर्क रिपोर्ट को मंजूरी दी जाएगी.

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ड्रैगन की डगर पर नजर
पिछले साल के इस प्रोग्राम के दौरान, प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति के रूप में रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए शी जिनपिंग को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी थी. इस साल आयोजन में चीन की पिछड़ती अर्थव्यवस्था का मुद्दा हावी रहने की संभावना है, जो धीमी वृद्धि, बड़े पैमाने पर कर्ज और गिरते निर्यात से जूझ रही है.

सबसे अहम प्रीमियर ली कियांग की वार्षिक वर्क रिपोर्ट का पेश होना होगा, जो सरकार की उपलब्धियों की समीक्षा करेगी और 2024 के लिए लक्ष्य निर्धारित करेगी. उम्मीद है कि ली 2024 के लिए लगभग 5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित करेंगे और चीन की गिरती जन्म दर से लेकर तकनीकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) विनियमन के भविष्य तक प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

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कई प्रमुख नियुक्तियां भी की जा सकती हैं
पिछले साल, एनपीसी की स्थायी समिति – [विधायिका की 175 सदस्यीय स्थायी संस्था] – के 11 सदस्यों को हटा दिया गया, जिनमें विदेश मंत्री किन गैंग और रक्षा मंत्री ली शांगफू शामिल हैं.

जिन लोगों को हटाया गया, उनका संबंध सेना सहित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) रॉकेट फोर्स से था, जो चीन की परमाणु और पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की देखरेख करती है.

एनपीसी और सीपीपीसीसी क्या है?
एनपीसी और सीपीपीसीसी दोनों चीनी राज्य संस्थान हैं जो तकनीकी रूप से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से अलग हैं. हालांकि इन दोनों संस्थानों का अधिकांश काम पार्टी द्वारा तय होता है.

कागज पर, एनपीसी आधिकारिक तौर पर चीन का सर्वोच्च विधायी निकाय है. देश के प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों, बड़े शहरों, पीएलए और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 3,000 सदस्य इसके मेंबर हैं.

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एनपीसी में स्वशासित ताइवान का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि भी हैं, जिस पर सीसीपी दावा करती है, भले ही बीजिंग का आईलैंड पर कंट्रोल नहीं है.

एनपीसी  के प्रतिनिधि नीतिगत लक्ष्यों पर प्रगति की समीक्षा करते हैं. नए कानून और वरिष्ठ राजनीतिक नियुक्तियों को मंजूरी देने के लिए वोटिंग करते हैं. हालांकि वास्तव में अधिकांश प्रतिनिधियों के पास बहुत कम राजनीतिक शक्ति होती है.

तकनीकी रूप से अधीनस्थ होने के बावजूद, एनपीसी स्थायी समिति को व्यावहारिक रूप से विधायिका की तुलना में अधिक शक्तिशाली माना जाता है, क्योंकि यह विधायी सत्रों के बीच नियमित रूप से बैठक करती है.

चाइना नीकन न्यूज़लेटर के सह-संपादक एडम नी के मुताबिक, ‘एनपीसी एक लोकतांत्रिक संसद के अर्थ में संसद नहीं है जहां प्रतिनिधि निष्पक्ष चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं. इसके प्रतिनिधि कम्युनिस्ट पार्टी के मार्गदर्शन में चीनी आबादी के एक छोटे से हिस्से द्वारा चुने जाते हैं.’

सीपीपीसीसी में पूरे 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं. यह एक राजनीतिक सलाहकार बॉडी है. सीपीपीसीसी प्रतिनिधियों में तकनीक, कला, मीडिया के नेता और अर्ध-स्वायत्त हांगकांग और मकाऊ के नेता शामिल हैं.

इसके प्रतिनिधि आवश्यक रूप से सीसीपी के सदस्य नहीं होते हैं. हालांकि यह सामान्य मुद्दों पर विभिन्न लोगों को एकजुट करने और चीन के प्रभाव को फैलाने के ‘संयुक्त मोर्चा’ प्रयासों का हिस्सा है. 

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