All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

Income Tax Saving: इनकम टैक्स बचाने का आखिरी मौका, सिर्फ 2 सप्ताह का समय, काम आएंगे ये उपाय

income tax

करेंट फाइनेंशियल ईयर यानी FY2023-24 खत्म होने के करीब है. इसलिए इस साल अपनी इनकम टैक्स बचाने का ये आखिरी मौका है. 31 मार्च के बाद टैक्सपेयर अपनी कमाई पर टैक्स कम करने के अलग-अलग टैक्स सेविंग ऑप्शंस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें– Railway Recruitment: आपको रेलवे में चाहिए नौकरी? 9144 पदों के लिए मांगे आवेदन, ऐसे करना है अप्लाई

बेहतर है कि 31 मार्च से पहले टैक्स बचाने से जुड़ी अहम चीजों के बारे में जान लें ताकि ये मौका हाथ से और टैक्स के रूप में पैसा जेब से न निकले.

ऐसे पता करें टैक्स की देनदारी

सबसे पहले आपको अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी पता करनी है. इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाएं और Tax information and Services में टैक्स टूल्स में View all पर क्लिक करें. आपको Tax Calculator-Old Vis-a-vis New Regime ऑप्शन पर क्लिक करना है. इस कैलकुलेटर की मदद से आप अपनी कमाई, अब तक की गई टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट या एग्ज्म्प्शन की डिटेल भरकर ओल्ड और न्यू टैक्स रिजिम में अपनी टैक्स देनदारी पता कर सकते हैं.    

पुरानी बनाम नई टैक्स रिजिम

ओल्ड टैक्स रिजिम में 70 के करीब एग्जम्प्शंस और डिडक्शंस हैं, जिन्हें क्लेम करके टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं. न्यू रिजिम में टैक्स बचाने के मौके कम हैं यानी डिडक्शंस न के बराबर हैं. साथ ही टैक्स रेट भी कम हैं. न्यू टैक्स रिजिम में 7 लाख रुपये तक जबकि ओल्ड रिजिम में 5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है. अगर आप सैलरीड पर्सन है तो ओल्ड रिजिम की तरह न्यू रिजिम में भी FY 2023-24 से 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. यानी न्यू रिजिम में नौकरीपेशा लोगों की साढ़े सात लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं बनेगा.

बड़े काम का है ये सेक्शन

टैक्स सेविंग के लिए ज्यादातर लोग इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C का इस्तेमाल करते हैं. इसमें लाइफ इंश्योरेंस, इम्प्लॉय प्रोविडेंट फंड, ट्यूशन फीस जैसी चीजें भी कवर होती हैं. टैक्स सेविंग्स इंवेस्टमेंट से पहले चेक करें कि करंट ईयर में आपने इन मदों में कितना पैसा दिया है. इस रकम को 80C की डेढ़ लाख रुपये की लिमिट से घटाने के बाद नया निवेश शुरू करें.

ये भी पढ़ें– Holi पर रेलवे चला रही है 112 स्पेशल ट्रेनें, मुंबई, बनारस, कानपुर या प्रयागराज सभी के लिए मिलेगी कंफर्म टिकट

टैक्स बचाने वाले निवेश

सेक्शन 80C की लिमिट बची होने पर पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF, टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. इनमें ELSS में सबसे कम 3 साल का लॉक-इन पीरियड है. सेक्शन 80C की लिमिट पूरी होने पर अतिरिक्त टैक्स बचाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS स्कीम में निवेश कर सकते हैं. सेक्शन 80CCD (1B) के तहत NPS के टियर-1 खाते में निवेश पर अतिरिक्त 50,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.

हेल्थ इंश्योरेंस से मिलती है मदद

अस्पताल के बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस हर व्यक्ति के लिए जरूरी है. हेल्थ इंश्योरेंस न सिर्फ अस्पताल के खर्च कवर करता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है. IT एक्ट के सेक्शन 80D के तहत खुद, पत्नी और बच्चे के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. सीनियर सिटीजन माता-पिता के लिए पॉलिसी लेने पर 50 हजार रुपये तक का डिडक्शन है.

दान देकर बचा सकते हैं टैक्स

समाज की भलाई के लिए दान देकर भी आप टैक्स बचा सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80G के तहत, रिलीफ फंड्स और चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन को डोनेशन यानी चंदा देने पर टैक्स में छूट मिलती है. चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन के आधार पर दान की रकम पर 50 फीसदी या 100 फीसदी डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. किसी दिक्कत से बचने के लिए कैश के बजाए दान की रकम चेक, डीडी या ऑनलाइन ट्रांसफर करें.

ये भी पढ़ें– बैंक अकाउंट में मोदी सरकार भेजेगी ₹78000 की सब्सिडी, बस करना होगा ये काम

टैक्स बचाने में किराया मददगार

टैक्स बचाने का पांचवां रास्ता किराए का मकान है. रेंट पर रहने वाले सैलरीड कर्मचारी हाउस रेंट अलाउंस यानी HRA पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि नियोक्ता यानी कंपनी से HRA मिलता हो और जिस घर में रह रहे हैं वो किराए का हो.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top