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धर्म

खरमास में नहीं होती बहु की विदाई, कई और भी काम हैं जिन्हें करने से बचें, ये 5 काम दिलाएंगे सुख-समृ्द्धि

Kharmas 2024 : हिन्दू धर्म में ऐसी आस्था है कि खरमास में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. ऐसा भी माना जाता है कि इस माह में किए गए शुभ कार्यों का प्रतिफल नहीं मिलता है. इसलिए इस समय शुभ कार्य को हिन्दू धर्म में वर्जित माना जाता है. तो चलिए जानते हैं इस माह में हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. खरमास में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव भी कम हो जाता है.

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Kharmas 2024 : सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते है. विज्ञान के अनुसार यह एक सौर घटना है. जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इन्हें क्रमश: धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जब धनु और मीन राशि में रहते हैं, तो इस अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है. हिन्दू पुराणों में खरमास या मलमास माह को अशुभ माना जाता है. इस बार खरमास की शुरुआत 14 मार्च से हो चुकी है जो 13 अप्रैल तक चलेगा. पुराणों के अनुसार इस माह में सूर्य देवता के रथ को उनके घोड़े नहीं खींचते है. हिन्दू धर्म में ऐसी आस्था है कि इस माह शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. ऐसा भी माना जाता है कि इस माह में किए गए शुभ कार्यों का प्रतिफल नहीं मिलता है. इसलिए इस समय शुभ कार्य को हिन्दू धर्म में वर्जित माना जाता है. तो चलिए जानते हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या से इस माह में हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

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सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं. संक्रांति एक सौर घटना है.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रान्तियां होती हैं.

1. खरमास या मलमास में शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, नया व्यापार या कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए, माना जाता है इस माह ये कार्य करने से विफलता आती है और इन कार्यों का प्रतिफल अच्छा नहीं मिलता है.

2. ऐसा माना जाता है कि इस माह में बेटी या बहु की विदाई नहीं करनी चाहिए.

3. खरमास में भगवान विष्णु की उपासना और तुलसी में दीपक जलाने को शुभ माना जाता है.

4. इस माह में निस्वार्थ दान का बड़ा महत्व है. मान्यता है यदि कोई बिना उपेक्षा के दान करता है तो उसे अक्षय पुण्य प्राप्त होता है.

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5. मान्यता है कि खरमास में सूर्य देवता की चाल धीमी हो जाती है और सूर्य देवता का प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए इस माह में सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए और उनके मंत्रों का जप करना चाहिए. इससे आपको सुख-समृद्धि और तरक्की मिलेगी.

6. खरमास में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव भी कम हो जाता है. ऐसे में हमें देव गुरु बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में यदि गुरु दोष हो तो उसमें सुधार होता है.

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7. खरमास में भगवान विष्णु या श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी लाभदायक होता है. इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

8. इस माह में पीपल के वृक्ष की पूजा करना भी लाभप्रद होता है. पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए खरमास में पीपल की पूजा को शुभ माना जाता है.

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