Property Price Rise: बीते साल जमीन की कीमतों में काफी अधिक उछाल दर्ज किया गया. घरों की मांग बढ़ने, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स की जरूरतें बढ़ने से जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई.
Land Price Rise: FY2023-24 में घरों की बिक्री में बड़ा उछाल दर्ज किया गया. FY2023-24 में दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद में सबसे ज्यादा सौदे किए गए, जिसकी वजह से जमीन की कीमतों में जोरदार उछाल दर्ज किया गया. लेकिन यहां पर एक सवाल यह खड़ा होता है कि क्या तेजी का यह सिलसिला FY2024-25 में भी बरकरार रह पाएगा?
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और अहमदाबाद में जनवरी से मार्च के दौरान रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतें बीते एक साल में दो से 13% तक बढ़ीं हैं. ऑफिस स्पेस के किराए में 9% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से मार्च 2024 में देश के 8 प्रमुख शहरों में रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री 86,345 यूनिट रही, जो इसके पहले 79,126 यूनिट थी. साल 2024 में जनवरी-मार्च में ऑफिस स्पेस की कुल लीजिंग 43 फीसदी बढ़कर 1.62 करोड़ वर्ग फीट हो गई. बीते साल यह 1.13 करोड़ वर्ग फीट थी.
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FY2023 में जमीनों की बड़ी डील
COVID-19 की वजह से साल 2020 में मंदी आई थी, लेकिन साल 2021 के बाद इसमें तेजी का सिलसिला शुरू हुआ और देखते ही देखते ये FY2023 में यह अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. जमीन के भावों को शिखर तक ले जाने में रेजीडेंशियल, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स का सबसे अधिक योगदान रहा. एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, FY2023 में 2,700 एकड़ से अधिक जमीनों के सौदों को पूरा करने के लिए लगभग 97 लैंड ट्रांजेक्शंस किए गए. वहीं, इससे पूर्व के वर्ष में 2,500 एकड़ जमीन के लिए 82 लैंड ट्रांजेक्शंस हुए.
मौजूदा डील्स का क्या हाल?
फिलहाल, बड़े-बडे डेवलपर्स पब्लिक मार्केट से पूंजी जुटाने के लिए और नगदी की बेहतर स्थिति को देखते हुए लैंड परचेज करना मुनासिब समझ रहे हैं. गोदरेज प्रॉपर्टीज और प्रेस्टीज ग्रुप नए प्रॉपर्टी मार्केट तक पहुंच बढ़ाने साथ-साथ मौजूदा मार्केट्स में भी अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए जमीनें खरीद रहे हैं. वहीं, रीजनल डेवलपर्स भी लैंड खरीदने के लिए रेस में काफी आगे हैं. इस साल बेंगलुरु, हैदराबाद और एनसीआर में जमीनों की कई डील्स सामने आई हैं.
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तेजी से बढ़ रही हैं जमीन की कीमतें
प्रॉपर्टी एडवाइजर्स का मानना है कि 2023 में लैंड की एवरेज ट्रांजेक्शन वैल्यू 16.5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक पहुंच गई थी, जो इसके पूर्व के वर्ष 2022 के भाव से 46% अधिक है. इस तेजी में टियर-I शहरों और प्रमुख माइक्रो मार्केट्स में जमीन के लेनदेन का अहम योगदान संभव है. इसके अलावा, देश के सबसे महंगे प्रॉपर्टी मार्केट मुंबई मेट्रोपोलिटियन रीजन (MMR) में जमीनों की डील्स में बड़ी तेजी देखी गई है, जिसकी वजह से लैंड की कीमतों में उछाल देखा गया.
तेजी से बढ़ रही हैं जमीन की कीमतें
प्रॉपर्टी एडवाइजर्स का मानना है कि 2023 में लैंड की एवरेज ट्रांजेक्शन वैल्यू 16.5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक पहुंच गई थी, जो इसके पूर्व के वर्ष 2022 के भाव से 46% अधिक है. इस तेजी में टियर-I शहरों और प्रमुख माइक्रो मार्केट्स में जमीन के लेनदेन का अहम योगदान संभव है. इसके अलावा, देश के सबसे महंगे प्रॉपर्टी मार्केट मुंबई मेट्रोपोलिटियन रीजन (MMR) में जमीनों की डील्स में बड़ी तेजी देखी गई है, जिसकी वजह से लैंड की कीमतों में उछाल देखा गया.
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क्या कीमतों में जारी रहेगा उछाल?
उम्मीद की जा रही है कि FY2024-25 की शुरुआत में जमीन के सौदों में स्थिरता का रुख रह सकता है. लेकिन चालू साल की दूसरी छमाही में जमीन की कीमतों में फिर से उछाल दर्ज किया जा सकता है. इसका कारण यह है कि घरों की मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. संस्थागत फंडिंग एजेंसियों के सपोर्ट से डेवलपर्स लैंड परचेज करने के लिए आगे आ सकते हैं. इस दौरान टियर-I शहरों में घरों की मांग तो टियर-II शहरों में लैंड से जुड़ी कुछ एक्टिविटीज कीमतों में उछाल का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, कॉमर्शियल ऑफिसेज, रीटेल और हॉस्पिटलिटी प्रोजेक्ट्स जमीन की डील्स को सौदों को गति दे सकते हैं.