PM Jandhan Account: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से कई सरकारी स्कीमें चलाई जा रही हैं. जनधन योजना (Jandhan Yojana) के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे. इस योजना का फायदा देश के करोड़ों लाभार्थी ले रहे हैं. वित्त मंत्रालय की तरफ से जानकारी देकर बताया गया है कि इस योजना के तहत अब तक करीब 51 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें– बैंक ऑफ बड़ौदा ने छात्रों के लिए लॉन्च किया जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट, जानें- इस अकाउंट से जुड़ी खास बातें
सरकार ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया है कि देश में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के लगभग 20 फीसदी खाते निष्क्रिय हैं. वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि छह दिसंबर तक कुल 10.34 करोड़ निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों में से 4.93 करोड़ महिलाओं के हैं.
20 फीसदी खाते हैं निष्क्रिय
उन्होंने कहा कि बैंकों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 51.11 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से लगभग 20 फीसदी खाते छह दिसंबर तक निष्क्रिय थे.
निष्क्रिय खाते में 12,779 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा है कि निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों का प्रतिशत बैंकिंग क्षेत्र में कुल निष्क्रिय खातों के प्रतिशत के समान है.
ये भी पढ़ें– अब SBI Yono ऐप के जरिए नेशनल पेंशन सिस्टम में खोल सकेंगे अकाउंट, जानिए पूरा प्रोसेस
उन्होंने कहा कि निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों में जमा शेष राशि लगभग 12,779 करोड़ रुपये है, जो पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा शेष का लगभग 6.12 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि इस शेष राशि पर सक्रिय खातों पर लागू ब्याज के बराबर ब्याज मिलता रहता है और खाता फिर से चालू होने के बाद जमाकर्ताओं द्वारा किसी भी समय दावा किया जा सकता है और निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि बैंक निष्क्रिय खातों के प्रतिशत को कम करने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं और प्रगति की नियमित रूप से सरकार द्वारा निगरानी की जा रही है.
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि इस योजना के कुल लाभार्थियों में से 55.5 फीसदी महिलाएं हैं. मंत्रालय के मुताबिक, 22 नवंबर तक इन खातों में कुल 2.10 लाख करोड़ रुपये जमा थे.
हालांकि, इस योजना के तहत खोले गए कुल 4.30 करोड़ खातों में शून्य राशि ही जमा थी. इसकी वजह यह है कि जनधन खातों में कोई भी न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता नहीं है.