चुनावी साल का बजट आने में अब बहुत ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. करीब 3 सप्ताह के बाद नया बजट पेश होने वाला है. चुनावी साल होने के कारण लोग इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं.
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खासकर पेंशन को लेकर चल रही बहस के बीच ऐसी गुंजाइश बन रही है कि आगामी बजट में सरकार इस बारे में कोई बड़ा बदलाव करे.
पीएफआरडीए चेयरमैन का बयान
तमाम उम्मीदों और बहसों के बीच पीएफआरडीए चेयरमैन ने भी पेंशन योजना को लेकर बड़ी टिप्पणी कर दी है. पेंशन नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती शुक्रवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. कार्यक्रम से इतर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एनपीएस को लेकर बात की.
अभी इस लिमिट तक मिलती है छूट
पेंशन नियामक के प्रमुख ने कहा कि एनपीएस में एम्पलॉयर्स के द्वारा किए जाने वाले कंट्रीब्यूशन को कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 12 फीसदी के बराबर तक टैक्सफ्री किया जाना चाहिए. अभी एनपीएस में प्राइवेट सेक्टर इंडिविजुअल या कॉरपोरेट स्कीम के तहत एनरॉल कर्मचारियों के लिए पेंशन स्कीम में नियोक्ताओं को बेसिक सैलरी के 10 फीसदी के बराबर रकम पर ही टैक्स से छूट मिलती है.
सरकारी कर्मचारियों की तरह मिले लाभ
मोहंती ने कहा कि उन्होंने एनपीएस में एम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन पर टैक्स के फायदों को ईपीएफ में 12 फीसदी की लिमिट के बराबर लाने का पक्ष लिया है. उन्होंने कहा कि इसे अंतत: सरकारी कर्मचारियों की तरह बेसिक सैलरी के 14 फीसदी के बराबर तक जाना चाहिए. अभी प्राइवेट सेक्टर में ईपीएफ नियमों के तहत बेसिक सैलरी व महंगाई भत्ते के 12 फीसदी के बराबर तक के योगदान को टैक्स से छूट दी जाती है.
क्या कहता है इनकम टैक्स का कानून
इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के तहत एम्पलॉयर अपने एम्पलॉई की बेसिक सैलरी के 10 फीसदी तक के एनपीएस में योगदान को बिजनेस एक्सपेंस के रूप में दिखा सकते हैं. इससे उन्हें टैक्स बचाने में मदद मिलती है.
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कर्मचारी भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सीसीडी (2) के तहत अपनी सैलरी के 10 फीसदी के बराबर एम्पलॉयर के योगदान पर टैक्स के फायदे उठा सकते हैं. यह लाभ नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में मिलता है.