बेंगलुरु. पिछले करीब 20 महीने से कोरोना वायरस (Covid-19) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. भारत में इस साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से शिकार होने वाले मरीजों में कई तरह की परेशानियां सामने आ रही है. ये वायरस न सिर्फ फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है. बल्कि शरीब के कई अंगों को तबाह कर देता. अब कर्नाटक में कोरोना को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है. राज्य सरकार के मुकाबिक कोरोना से ठीक होने वाले मरीज़ अब ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) यानी टीबी का शिकार हो रहे हैं. लिहाज़ा राज्य सरकार ने कोरोना से ठीक होने वाले सभी मरीजों का टीबी के लिए टेस्ट करने का फैसला किया है.
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा, ‘कर्नाटक में ठीक हो चुके COVID19 रोगियों के टीबी के 23-25 मामले पाए गए हैं. एहतियात के तौर पर, हमने सभी COVID ठीक होने वाले व्यक्तियों के लिए टीबी जांच कराने के बारे में फैसला किया है.
इस बीच कर्नाटक में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1365 नये मामले सामने आये जिसके बाद प्रदेश में अब तक संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 29,33,192 हो गयी है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में महामारी के कारण 22 लोगों की मौत हो गयी है जिससे मरने वालों का आंकड़ा 37,061 पर पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज 1558 संक्रमित ठीक हुये हैं जिसके बाद प्रदेश में संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 28,74,839 हो गयी है.
पिछले हफ्ते कर्नाटक सरकार ने पाबंदियों और लॉकडाउन के बारे में राज्य स्तर पर फैसला लेने के बजाय जिला अधिकारियों को कोविड-19 प्रबंधन का अधिकार सौंपने का फैसला किया था. सरकार ने उन जिलों में स्कूल नहीं खोलने का भी फैसला किया जहां संक्रमण दर दो प्रतिशत से अधिक है. सरकार ने जिलों पर केन्द्रित योजनाएं इसलिये पेश कीं क्योंकि कोविड-19 से संबंधित तकनीकी सलाहकार समिति की राय थी कि दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है.