शरीर में अधिक वजन ब्लड वेसेल्स में वसायुक्त पदार्थों के निर्माण का कारण बन सकता है. ये ब्लड वेसेल्स में अन्य अंगों तक ब्लड ले जाने से रोक सकता है.
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ओबेसिटी हृदय रोग का मुख्य कारक है. जब एक व्यक्ति का शरीर अत्यधिक मोटा होता है, तो उसके हृदय पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है. इसके परिणामस्वरूप, उच्च रक्तचाप, मोटापा, डायबिटीज, और अन्य हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं.
हृदय रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. इस दिन के माध्यम से, लोगों को हृदय संबंधी जोखिम कारकों और निवारण के बारे में जागरूक किया जाता है और स्वस्थ हृदय के लिए कार्रवाई करने की प्रोत्साहन दिया जाता है. आइए इस मौके पर डॉ. मोहित भूटानी, सहायक प्रोफेसर, वयस्क कार्डियोलॉजी विभाग, अमृता अस्पताल, फ़रीदाबाद से मोटापे का हार्ट से कनेक्शन जानते हैं.
मोटापा बढ़ाता है कई बीमारियों का खतरा-
ज्यादा वजन के कारण हार्ट से संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जैसे- हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, स्लीप एप्निया. ये सभी रोग हार्ट के लिए खतरनाक होते हैं. मोटापा ही हार्ट के रोग का कारण बनता है. मोटापे में बढ़े हुए बहुत से मार्कर्स के कारण दिल का दौरा आता है. जैसे जैसे हमारे शरीर में वजन बढ़ता जाता है हमारे शरीर में काफ़ी बदलाव आ जाता है, जो हार्ट रोग के खतरे को बढ़ा सकता है.
वजन बढ़ने पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो हार्ट संबंधी बीमारियों को जन्म देता है. वजन बढ़ने पर ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है. शरीर में वजन बढ़ने पर ऐसे ही और भी कई प्रभाव पड़ते हैं, जो हार्ट रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं.
जब शरीर में मोटापा बढ़ता है, तो यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल, जोकि खराब कोलेस्ट्रॉल होता है,के स्तर को बढ़ा देता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल जो कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल है, उसके स्तर को कम करने का काम करता है. इससे हार्ट की बीमारी होने का खतरा और भी ज्यादा रहता है.
मोटापे का हार्ट अटैक से कनेक्शन-
ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन के अनुसार, शरीर में अधिक वजन ब्लड वेसेल्स में वसायुक्त पदार्थों के निर्माण का कारण बन सकता है. ये ब्लड वेसेल्स में अन्य अंगों तक ब्लड ले जाने से रोक सकता है. ब्लड न पहुंचने पर हार्ट के टिश्यू डैमेज हो जाती है. इससे हार्ट अटैक आ सकता है.
हो सकती हैं ये परेशानियां-
हृदय संबंधित बीमारियां हृदय और ब्लड वेसेल्स पर प्रभाव डालती हैं. कुछ मुख्य प्रकारों में कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, हृदय अटैक, आदि शामिल हैं.
हृदय रोगों के मुख्य जोखिम कारकों में धूम्रपान, अशुद्ध आहार, शारीरिक निष्क्रियता, उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, आदि शामिल हैं. इन जोखिम कारकों से बचकर हम हृदय संबंधी समस्याओं को रोक सकते हैं.
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विश्व हृदय दिवस के मुख्य संदेशों में हमें अपने आंकड़ों को जानने, स्वस्थ हृदय आहार अपनाने, सक्रिय रहने और तंबाकू को ना कहने के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए. हम हृदय रोगों की रोकथाम के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच करना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, तनाव स्तर को नियंत्रित करना, शराब की मात्रा सीमित करना, और हृदय मित्रलाभी कार्यस्थल और समुदायों को प्रोत्साहित करना चाहिए.