India-Canada: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम रहा है। इसी बीच कनाडा ने आज भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया। यह जानकारी कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार को ओटावा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। वहीं, कनाडा के एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत द्वारा कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहना कोई सामान्य घटना नहीं है। उन्होंने पिछले 40 या 50 वर्षों में इस तरह की किसी घटना के बारे में मुझे याद नहीं है जहां ऐसा कुछ हुआ हो।
हालांकि, भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या को कम करने की तय तारीख 10 अक्टूबर थी, लेकिन कनाडा ने भारत के साथ निजी बातचीत से इस मामले को हल करने की कोशिश की, लेकिन यह वार्ता विफल रही।
कनाडाई विदेश मंत्री ने क्या कहा?
कनाडाई विदेश मंत्री जोली ने कहा है, ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि भारत ने 21 कनाडाई राजनयिकों को छोड़कर अन्य सभी की राजनयिक छूट 20 अक्टूबर के बाद खत्म करने की योजना से हमें अवगत करा दिया है। राजनयिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने भारत से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। इसका मतलब है कि भारत में रह रहे 41 राजनयिक और उनका परिवार भारत छोड़ चुके हैं।’
कनाडा की विदेश मंत्री जोली ने आगे कहा है, ‘कनाडा के जिन राजनयिकों को आज भारत निष्कासित कर रहा है, उसे भारत ने ही कनाडाई राजनयिक के तौर पर मान्यता दी थी और वे सभी राजनयिक गुड फेथ और दोनों देशों के व्यापक लाभ के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे।’
मेलानी जोली ने आगे कहा, ‘कनाडा, भारत के साथ संपर्क में रहना जारी रखेगा, यहां तक कि पहले से कहीं अधिक संपर्क में रहेगा, क्योंकि हमें जमीन पर (भारत में) राजनयिकों की जरूरत है। हमें एक-दूसरे से बात करने की जरूरत है। कनाडा अंतराराष्ट्रीय कानूनों का पालन करता रहेगा, जो सभी देशों पर समान रूप से लागू होता है।’
जोली ने यह भी कहा कि भारत के इस कदम की हमें उम्मीद नहीं थी। इस तरह की घटना कभी नहीं हुई है। किसी भी देश के राजनयिकों के विशेषाधिकारों और छूट को एकतरफा खत्म करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। यह राजनयिकों संबंधों के लिए बने वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन है। इस तरह से छूट छीनने की धमकी देना बेवजह किसी विवाद को बढ़ावा देना है। इससे किसी भी राजनयिक के लिए उस देश में काम करना कठिन हो जाता है।
ये भी पढ़ें–Rupee vs Dollar: शुरुआती कारोबार में रुपया पड़ा कमजोर, इतने पैसे गिरकर कर रहा है ट्रेड
‘पिछले 40-50 सालों में ऐसा नहीं हुआ’
भारत के इस कदम पर कनाडा के पूर्व राजनयिक गार पार्डी का कहना है, ‘मैं इस तरह की घटना के बारे में कभी सोच नहीं सकता। किसी देश के साथ राजनयिक संबंध को खत्म करने और सभी को देश से बाहर निकालने के कदम के बारे में तो बिल्कुल नहीं सोच सकता। पिछले 40 या 50 वर्षों में इस तरह की किसी घटना के बारे में मुझे याद नहीं है जहां ऐसा कुछ हुआ हो। यहां तक कि सोवियत रूस के साथ भी नहीं, जब हमारे राजनयिक रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे थे।’
कनाडा के एक अन्य पूर्व राजनयिक और कनाडा के एशिया पैसिफिक फाउंडेशन के अध्यक्ष जेफ नानकीवेल ने भी कहा, ‘भारत का यह कदम समान्य नहीं है। मैं इस तरह की घटनाओं के बारे में नहीं सोच सकता। भारत का यह कदम निश्चित रूप से कोई मिसाल नहीं है। जिस तरह की खबरें आ रही हैं, वैसे में भारत में कनाडा के डिप्लोमैटिक ऑपरेशन में बाधा आएगी।’
कनाडा की तरफ से यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब इसी महीने तीन अक्टूबप को भारत सरकार की ओर से कनाडा को चेतावनी दी गई। चेतावनी में कहा गया था कि अगर राजनयिकों की संख्या कम नहीं की जाती है तो उनकी सभी राजनयिक छूट खत्म कर दी जाएगी।
कनाडाई न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद अब और बढ़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा ने फैसला किया है कि वह भारत के इस एक्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।
ये भी पढ़ें–भारत नहीं बदलेगा अपना स्टैंड, पीएम मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति से की बात, कहा- ‘भेजते रहेंगे मदद’
18 सिंतबर को कनाडा ने लगाया था भारत पर आरोप
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद तब पैदा हो गया था, 18 सितंबर को कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। साथ ही भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था।
इस घटनाक्रम के बाद भारत ने भी कनाडा के एक सीनियर राजनयिक को 5 दिनों के भीतर देश से निकलने का आदेश जारी किया था। इसके कुछ दिनों बाद ही भारत ने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और संख्या की अधिकता का हवाला देते हुए कनाडा से अपनी राजनयिकों की संख्या घटाने को कहा था।
ये भी पढ़ें–महंगाई पर RBI गर्वनर की बढ़ी चिंता, कहा-इंफ्लेशन पर लगाम लगाने वाली होनी चाहिए MPC
भारत ने तीन अक्टूबर को कनाडा सरकार को अपने डिप्लोमैट्स वापस बुलाने का अल्टीमेटम दिया था। भारत ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक नई दिल्ली से अपने 41 अतिरिक्त राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था। भारत ने यह भी कहा था कि 10 अक्टूबर के बाद भी अगर ये राजनयिक भारत में रहते हैं तो इनकी राजनयिक छूट भी खत्म कर दी जाएगी।