वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से तैयार की गई मासिक आर्थिक समीक्षा (Monthly Economic Review) के मुताबिक, तेज टीकाकरण और त्योहारी सीजन (Festive Season) भारतीय अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की रफ्तार को बढ़ाएंगे. इसके चलते मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर लगातार कम होता जाएगा.
नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) कोरोना वायरस महामारी के असर से तेजी से उबर (Economic Recovery) रही है. तेज वैक्सीनेशन के साथ कारोबारी गतिविधियों की रफ्तार बढ़ने पर जॉब मार्केट के हालात भी सुधर रहे हैं. इस बीच आई वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरी वृहद और सूक्ष्म वृद्धि जैसे कारकों के सहारे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था (Fastest Growing Economy) बनने की राह पर है.
वित्त मंत्रालय की ओर से तैयार की गई मासिक आर्थिक समीक्षा (Monthly Economic Review) के मुताबिक, तेज टीकाकरण और त्योहारी सीजन (Festive Season) भारतीय अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की रफ्तार को बढ़ाएंगे. इसके चलते मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर लगातार कम होता जाएगा. इससे रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा (Employment Opportunity) होंगे.
भारत में निवेश की बढ़ रही है रफ्तार
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख सुधारों के साथ आत्मनिर्भर भारत मिशन, व्यापार के अवसरों के संकेत और खर्च करने वाले चैनलों के विस्तार के जरिये देश के आर्थिक पुनरुद्धार (Economic Revival) को आकार देने में अहम भूमिका निभा रहा है. साथ ही कहा गया है कि जरूरी वृहद व सूक्ष्म वृद्धि चालकों (Macro and Micro Growth Drivers) के साथ यह दौर भारत में निवेश को रफ्तार देने और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में उसके रिवाइवल को गति देने के लिए तैयार है.
आर्थिक सर्वे में 11% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 फीसदी की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था. वहीं, नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने हाल में कहा कि भारत की इकोनॉमी के चालू वित्त वर्ष (FY22) में 10.5 फीसदी या उससे अधिक ग्रोथ रेट हासिल करने की उम्मीद है. इसके अलावा आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी की ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.