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मध्य प्रदेश

SC के पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर फैसला से राजनीतिक दलों में खलबली मची: चिंता में पार्टियां

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने इसमें ओबीसी आरक्षण खत्म करने का शुक्रवार को फैसला सुनाकर राजनीतिक दलों के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए गले की हड्डी बन गया है। 54 फीसदी ओबीसी आबादी के वोट बैंक पर दोनों ही दलों की चिंता है और कांग्रेस की सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति है क्योंकि वही आरक्षण रोटेशन व परिसीमन को लेकर सरकार की घेराबंदी कर रही थी।

मध्प्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है जिसके पहले चरण के छह जनवरी और दूसरे चरण के 28 जनवरी को होने वाले मतदान की नामांकन प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। इस बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने का फैसला आने के बाद चुनाव प्रक्रिया पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चुनाव आयोग असमंजस में है और सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला पढ़ने व अदालत की भावना को जानने के बाद ही कोई फैसला लेने की बात कह रहा है। यही स्थिति राजनीतिक पार्टियों भाजपा व कांग्रेस की है।

भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी  

अदालत के फैसले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा है। मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. हितेष बाजपेयी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने पंचायत में ओबीसी आरक्षण खत्म करा दिया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अदालत से आग्रह कर उस पुन:लागू कराएंगे। वहीं, याचिकाकर्ता कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने गेंद को सरकार के पाले में डालने की कोशिश की है और कहा कि अदालत के फैसले के बाद अब सरकार को ओबीसी के हितों में फैसला लेकर कमद उठाना चाहिए।

54 फीसदी आबादी का सवाल
गौरतलब है कि ओबीसी की आबादी 54 फीसदी है और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार बनते ही इस वर्ग को लुभाने के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला  किया था। इस वर्ग के पंचायत चुनाव में करी 75 हजार पद हैं जो सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने से प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष के 52 पदों में से 13 ओबीसी के पद हैं। 

अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग इसमें जो भी फैसला लेगा, उसे देखेंगे। 
– भगवानदास सबनानी, कार्यालय प्रभारी, मध्य प्रदेश भाजपा

अदालत के फैसले का पालन करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। पार्टी के समर्थक चुनाव मैदान में उतरेंगे और अदालत की मंशा के अनुरूप चुनाव लड़ेंगे।
– राजीव सिंह, महामंत्री, प्रभारी प्रशासन, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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