अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करते हुए दलील दी कि आम चुनाव की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी.
Arvind Kejriwal Arrest: सुप्रीम कोर्ट सोमवार (15 अप्रैल) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से उनकी गिरफ्तारी और उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनकी रिमांड को चुनौती दी गई है. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
यह घटनाक्रम आम आदमी पार्टी (AAP) नेता की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित होने के बाद आया है, जिसमें ईडी की तरफ से गिरफ्तारी और उसके बाद उत्पाद शुल्क नीति मामले में रिमांड के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
याचिका में क्या कहा गया?
सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करते हुए, उन्होंने तर्क दिया कि आम चुनाव की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी.
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अपील में कहा गया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री को चुनाव चक्र के बीच गिरफ्तार किया गया था, खासकर 2024 में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद.
HC ने खारिज कर दी थी याचिका
9 अप्रैल को, हाई कोर्ट ने जेल से रिहाई की उनकी याचिका खारिज कर दी और लोकसभा चुनाव की आशंका के बीच राजनीतिक प्रतिशोध के उनके तर्क को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि 6 महीने में 9 ईडी सम्मनों से केजरीवाल की अनुपस्थिति मुख्यमंत्री के रूप में विशेष विशेषाधिकार के किसी भी दावे को कमजोर करती है, जिससे पता चलता है कि उनकी गिरफ्तारी उनके असहयोग का अपरिहार्य परिणाम थी.
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अपील में आगे कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है, जो दोनों संविधान की मूल संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं.