Bank strike में इस बार सरकारी बैंकों के साथ ही प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी भी शामिल होंगे. दिसंबर 2021 में हुई बैंक हड़ताल से ग्राहकों को काफी असुविधा हुई थी. एसबीआई (SB)I, पीएनबी (PNB), सेंट्रल बैंक और आरबीएल (RBL) बैंक के कामकाज पर असर पड़ा और चेक क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर, डेबिट कार्ड से जुड़े काम अटक गए थे.
नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण (Bank Privatisation) के विरोध में देशभर के बैंक फिर हड़ताल (Bank Strike) पर जाएंगे. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) की केंद्रीय कमेटी ने इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है. ये हड़ताल 23 और 24 फरवरी को होगी. इस बार हड़ताल में देशभर के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी शामिल होंगे.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में 15 और 16 मार्च 2021 को हड़हाल की थी. इसके बाद 16 और 17 दिसंबर 2021 को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में हड़ताल की गई थी.
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‘देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए की जा रही हड़ताल’
संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने सभी संबंधित बैंक संघों और सदस्यों को एक परिपत्र जारी कर यह जानकारी दी और इस हड़ताल में शामिल होने के लिए तैयार रहने को कहा है. एसोसिएशन के मुताबिक, यह सिर्फ लोगों के जीवन और जीवनयापन को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बचाने के लिए भी किया जा रहा है.
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पिछली हड़ताल से चेक क्लीयरेंस समेत कई काम अटक गए थे
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर सरकार की योजना के विरोध में बैंक यूनियन ने पिछले महीने 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल की थी. तब बैंक हड़ताल का असर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), सेंट्रल बैंक और आरबीएल (RBL) बैंक के कामकाज पर पड़ा था. चेक क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर, डेबिट कार्ड से जुड़े काम भी अटक गए थे.