एमपी हाईकोर्ट का निर्देश, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा परिणाम में ओबीसी कोटा 14 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए
जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने राज्य सरकार और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission ) को यह यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 2019 की परीक्षा के परिणाम में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक न हो. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति एम एस भट्टी के पीठ ने बुधवार को यह आदेश जारी किया और इसे गुरुवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है.
अधिवक्ता आदित्य सांघी ने कहा कि अदालत मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की अभ्यर्थी बैतूल जिले की निहारिका त्रिपाठी और गुना जिले के कपिल सक्सेना द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिका में एमपी-पीएससी द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर दिसंबर 2021 में घोषित मुख्य परीक्षा परिणाम को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने तब अंतरिम आदेश में एमपी-पीएससी में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट ने प्रतिवादी (राज्य सरकार और एमपीपीएससी) को बुधवार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि एमपी-पीएससी राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 के परिणाम घोषित करते समय ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक नहीं हो.