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रूस से अब तक किस-किस देश ने तेल खरीदना बंद किया? ये रही लिस्ट

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यूक्रेन पर रूस के हमले ने तेल को लेकर काफी चिंताओं का माहौल बना दिया है। कई देश रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। हालांकि कई देश अभी भी रूसी तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं और खरीद रहे हैं। तो चलिए इन देशों के बारे में जानते हैं।

नई दिल्ली, रॉयटर्स। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूसी तेल खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन यूरोपीय संघ के सदस्य रूसी तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाने के मामले में एक राय नहीं बना पा रहा हैं। दरअसल, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री सोमवार को रूसी गैस और तेल आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सहमत नहीं हो सके क्योंकि यूरोपीय संघ अपनी जरूरत की 40% गैस और 27% तेल के लिए रूस पर निर्भर करता है। यूरोपीय संघ के देशों के अलावा भी कई देश हैं, जो अभी भी रूस से तेल खरीद रहे हैं. तो चलिए सबसे पहले उन देशों के बारे में जानते हैं, जो रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा चुके हैं और फिर उन देशों के बारे में जानेंगे, जो अभी भी रूसी तेल खरीद रहे हैं।

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किस-किस ने रूसी तेल खरीद पर रोक लगाई?

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन, रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा चुके है। विस्तार से बताएं तो ब्रिटिश तेल प्रमुख कंपनी बीपी रोसनेफ्ट में अपनी हिस्सेदारी छोड़ रहा है। वह रूसी बंदरगाहों पर लोडिंग के लिए रूसी संस्थाओं के साथ नए सौदे नहीं करेगा जब तक कि “आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक” न हो।

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जापान के सबसे बड़ी रिफाइनर ENEOS ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है, जबकि पिछले समझौतों के तहत हस्ताक्षर किए गए कुछ कार्गो अप्रैल के आसपास जापान पहुंचेंगे। इसके अलावा ऊर्जा समूह ENI, जिसका 30.3% स्वामित्व इटली सरकार के पास है, उसने रूसी तेल की खरीद पर रोक लगा दी है।

जर्मनी की बायर्नोइल रिफाइनरी में किसी भी रूसी क्रूड का उपयोग नहीं किया जाएगा, जिसमें ENI और रोसनेफ्ट की हिस्सेदारी है। वहीं, नॉर्वे की ऊर्जा फर्म EQUINOR ने रूसी तेल का व्यापार बंद कर दिया है। पुर्तगाली तेल और गैस कंपनी GALP ने रूस या रूसी कंपनियों से पेट्रोलियम उत्पादों की सभी नई खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इनके अलावा फिनलैंड स्थित NESTE के पास वर्ष के अंत तक रूसी तेल अनुबंध हैं लेकिन वह कोई नया आपूर्ति समझौता नहीं कर रही है। सऊदी अरबपति मोहम्मद हुसैन अल-अमौदी के स्वामित्व वाली स्वीडन की सबसे बड़ी रिफाइनर PREEM ने रूसी कच्चे तेल के नए ऑर्डर को “रोक दिया” है, जो इसकी खरीद का लगभग 7% हिस्सा है।

स्पेन की कंपनी REPSOL ने हाजिर बाजार में रूसी कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम ट्रेडर SHELL रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगी और सभी रूसी हाइड्रोकार्बन में अपनी भागीदारी को समाप्त कर देगी। फ्रांसीसी तेल प्रमुख TOTALENERGIES इस साल के अंत तक रूसी कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों को खरीदना बंद कर देगी और नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।

स्विस रिफाइनर VARO ENERGY ने कहा कि उसकी रूसी क्रूड खरीदने के लिए नए सौदे करने की योजना नहीं है। यह जर्मनी की बायर्नोइल रिफाइनरी में 51.4% की मालिक है।

कौन-कौन रूस से खरीद रहे हैं तेल?

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुल्गारिया, जर्मनी, ग्रीस, इटली, हंगरी, पोलैंड, नीदरलैंड, चीन, फ्रांस और भारत अभी भी रूसी तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, इनमें से कई यूरोपीय संघ के देश रूसी तेल पर जल्द ही प्रतिबंध लगाने की योजना भी बना सकते हैं।

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