GST: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा कि 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबार को 1 अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा. इस कदम के बाद टैक्स संबंधी नियमों को लागू करने में पहले के मुकाबले ज्यादा पारदर्शिता आएगी.
नई दिल्ली : मार्च महीना खत्म होने वाला है. 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा और इसी के साथ कई ऐसे बड़े नियम हैं जिसमें बदलाव हो रहा है. 1 अप्रैल से बदलने वाले नियमों का असर सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा. इस दिन से जीएसटी के नियमों में भी बदलाव हो रहा है.
दरअसल, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा कि 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबार को 1 अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा. इससे पहले गुड्स एवं सर्विस टैक्स (GST) के तहत बी2बी लेनदेन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर 2020 से ई-चालान जरूरी कर दिया गया था.
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50 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियां दायरे में थी
गौरतलब है कि पहले 1 जनवरी 2021 से इसे 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जरूरी बना दिया गया था. पिछले साल 1 अप्रैल से 50 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान काट रही थीं. लेकिन इस वित्तीय वर्ष से 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबार को बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा.
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टैक्स नियमों में आएगी पारदर्शिता
जीएसटी नियमों में हो रहे इस बदलाव के बाद इसके दायरे में 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को शामिल किया जा रहा है. ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर बिपिन सपरा ने बताया कि इस कदम के बाद टैक्स संबंधी नियमों को लागू करने में पहले के मुकाबले ज्यादा पारदर्शिता आएगी. साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी धोखाधड़ी में भी कमी होगी. यानी इस नियम के लागू होने के बाद टैक्स संबंधी समस्याओं में कमी भी आएगी.