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Income Tax : मकान बेचकर कमाया है मुनाफा तो समझ लें टैक्‍स का गणित, छूट की भी सुविधा देता है आयकर विभाग

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कोरोनाकाल में वर्क फ्रॉम के कारण कई लोगों को बड़े घर की जरूरत महसूस हुई है. अगर आप भी पुराना मकान बेचकर नया खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो इस बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्‍स की जानकारी रखना बहुत जरूरी है. आपने आयकर विभाग को अगर इसकी जानकारी नहीं दी तो नोटिस भी मिल सकता है.

नई दिल्‍ली. कोरोना महामारी के इस दौर में पैसों की जरूरत के लिए कई लोगों ने अपनी आवासीय संपत्ति बेची है या बेचने की योजना बना रहे होंगे. इसके अलावा कई ऐसे भी लोग हैं जो अब बड़े मकान में शिफ्ट होने की तैयार कर रहे होंगे. ऐसे लोगों ने अगर अपना पुराना मकान बेचा है और उन्‍हें बिक्री पर लाभ हुआ है तो सरकार टैक्‍स भी वसूलेगी.

दरअसल, मकान बेचकर होने वाले लाभ पर आयकर विभाग टैक्‍स वसूलता है. अगर आपने मकान से हुए मुनाफे का खुलासा भी नहीं किया और न ही टैक्‍स देनदारी की गणना की है तो विभाग आपको नोटिस भी भेज सकता है. हालांकि, आयकर विभाग ने करदाताओं को इस देनदारी से बचने का विकल्‍प भी दिया है. इन आसान विकल्‍पों को अपनाकर आप भी इस टैक्‍स से पूरी तरह बच सकते हैं.

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दो तरह से लगता है टैक्स
आयकर मामलों के जानकार गिरीश नारंग का कहना है कि मकान बेचने से होने वाले लाभ पर दो तरह से कर की गणना की जाती है. अगर आपने मकान दो साल अपने पास रखने के बाद बेचा है तो लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्‍स लिया जाएगा और 24 महीने से पहले ही मकान बेच दिया तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगेगा. शॉर्ट टर्म में बिक्री से हुए मुनाफे पर टैक्‍स बचत का कोई तरीका नहीं है और इसे आपकी अतिरिक्‍त आय माना जाएगा. साथ ही इस पर अपने स्‍लैब के हिसाबे से टैक्‍स का भुगतान भी करना होगा.

वैसे अंतिम टैक्स देनदारी सभी तरह के निवेश के बाद बनती है तो दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की राशि को जीवनबीमा, मेडिक्लेम, पीपीएफ आदि में निवेश कर सकते हैं. साथ ही इस पर मंहगाई के सापेक्ष इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा.

दूसरा घर खरीदकर बचाएं टैक्स
मकान की बिक्री से LTCG के मामले में दूसरा मकान खरीदकर पूरी तरह टैक्‍स बचा सकते हैं. यह छूट घर की बिक्री के दो साल के भीतर दूसरा रेडी टू मूव मकान खरीदने पर मिलेगी. यदि मकान बेचने से एक साल पहले भी कोई दूसरा रेडी टू मूव घर खरीदा है तो इस पर भी कर छूट ली जा सकती है. अगर लाभ की राशि दो करोड़ से ज्यादा नहीं है तो एक मकान बेचने से मिले LTCG को दो मकान खरीदने में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुविधा एक करदाता को एक ही बार मिलती है।

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मकान निर्माण पर बचाएं कर
अगर आप मकान बेचने की तारीख से तीन साल के भीतर नया घर बनाते हैं तो उसकी लागत में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को शामिल कर टैक्स बचा सकते हैं. निर्माणाधीन मकान या फ्लैट की बुकिंग भी घर निर्माण की श्रेणी में आती है, लेकिन इसका कब्‍जा तीन साल में मिलना जरूरी है. कर छूट का लाभ बढ़ने के लिए आप ब्रोकरेज, स्टांप शुल्क, हस्तांतरण शुल्क और पंजीकरण शुल्क भी घर की लागत में शामिल कर सकते हैं.

एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि नई खरीदी गई संपत्ति को तीन साल तक बेच नहीं सकते हैं, अन्यथा दी गई छूट को आपकी आय में जोड़ दिया जाएगा.

सरकारी बांड में करें निवेश
मकान बेचने की तारीख से 6 महीने के भीतर सरकार द्वारा निर्धारित बांड में निवेश कर भी टैक्स बचा सकते हैं. एनएचएआई, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम, रेलवे वित्त निगम आदि के कैपिटल गेन बांड में निवेश कर पूंजीगत लाभ की राशि पर टैक्स बचा सकते हैं. इसमें निवेश की अवधि 5 साल होती है और इस दौरान भुनाया या गिरवी नहीं रखा जा सकता. वैसे तो आप एक बार में अधिकतम 50 लाख की राशि ही बांड में निवेश कर सकते हैं लेकिन आयकर कानून आपको सभी तरह के विकल्प एकसाथ अपनाने की छूट देता है.

रिटर्न में देनी होगी जानकारी
क्‍लीयर के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि मकान की बिक्री से हुए लाभ को निवेश करने के लिए भले ही आपको दो-तीन साल का समय मिलता हो लेकिन बिक्री के बाद भरे जाने वाले आईटीआर में इसकी जानकारी देनी होगी. अगर आप तब तक निवेश नहीं कर पाते हैं तो लाभ की राशि को सरकारी बैंक के कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में डाल सकते हैं. निर्धारित समय तक इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

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