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दिल्ली/एनसीआर

Pragati Maidan Tunnel: प्रगति मैदान की टनल रोड तो खुल गई, मगर ये दिक्कतें दे रही हैं हादसे को न्योता

प्रगति मैदान टनल में सेफ्टी के लिहाज से कुछ खामियां नजर आई है जिसकी वजह से हादसा होने का खतरा बताया जा रहा है। दो एंट्री पॉइंट्स पर साइनेज नहीं हैं, वाहन सवारों को टनल खुलने की जानकारी नहीं हो रही। वहीं, टनल के अंदर लगे साइनेज मानकों के अनुरूप नहीं, कुछ का फॉन्ट छोटा होने से देखने में काफी दिक्कत हो रही है।

नई दिल्ली: प्रगति मैदान की टनल रोड अब ट्रैफिक की आवाजाही के लिए पूरी तरह से खुल चुकी है। रिंग रोड और इंडिया गेट के बीच तो ट्रैफिक सोमवार से ही चलने लगा था, मगर अब मथुरा रोड की तरफ से भी टनल में आने-जाने के रास्ते खुल गए हैं, जिसके बाद अब इस रोड पर ट्रैफिक भी बढ़ने लगा है। लेकिन, रोड सेफ्टी के लिहाज से कुछ गंभीर समस्याएं भी देखने को मिल रहीं हैं, जिन पर अगर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया, तो यहां आए दिन सड़क हादसे भी होने लगेंगे।

​रिंग रोड के एंट्री पॉइंट्स पर नहीं लगे साइनेज

टनल रोड के रास्ते इंडिया गेट की तरफ जाने के लिए रिंग रोड पर भैरों रोड की क्रॉसिंग के पास प्रगति पावर प्लांट के सामने दो रैंप बनाए गए हैं जहां से लोग इस नई रोड पर प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन इन दोनों ही एंट्री पॉइंट्स पर अभी तक साइनेज नहीं लगाए गए हैं। इससे लोगों को पता नहीं चल पा रहा कि अब यह रोड आवाजाही के लिए खुल गई है और इसके जरिए कहां से कहां जाया जा सकता है।

टनल रोड खुल गई इसका साइनेज नहीं

इस रोड को इसीलिए बनाया गया है ताकि भैरों रोड और मथुरा रोड का जाम कम हो। इसके लिए यमुनापार या साउथ दिल्ली से आ रहे लोगों को भैरों रोड टी-पॉइंट को क्रॉस करके आगे इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन की तरफ आना होगा और वहां से इस टनल रोड में प्रवेश करके लोग जाम में फंसे बिना सीधे इंडिया गेट पहुंच सकते हैं, लेकिन साइनेज के बिना अभी भी इंडिया गेट जाने के लिए ज्यादातर लोग रिंग रोड से भैरों रोड पर ही मुड़ रहे हैं, क्योंकि आगे की तरफ भी कोई ऐसा साइनेज नहीं लगाया गया है जिससे पता चले कि टनल रोड खुल गई है। इसी तरह आईपी फ्लाईओवर से आकर इंडिया गेट की तरफ जाने के लिए भी टनल रोड में एंट्री करने के रास्ते पर साइनेज नहीं हैं।

अंदर लगे साइनेज देखने में आ रही दिक्कत

टनल के अंदर से जो अलग-अलग रास्ते निकल रहे हैं, वहां पर लगे साइनेज भी साइज के लिहाज से मानकों के अनुरूप नहीं हैं। न केवल साइनेज बहुत छोटी साइज के हैं, बल्कि उन पर लिखे शब्दों की फॉन्ट साइज भी बहुत छोटी है। ये साइनेज इतने छोटे हैं कि 50 मीटर दूर से भी लोग यह नहीं देख पा रहे हैं कि उन पर लिखा क्या है। ऐसे में राजघाट या नोएडा की तरफ जा रहे लोगों को साइनेज के नजदीक जाकर गाड़ी रोककर देखना पड़ रहा है कि कौन-सा रास्ता किस तरफ जाएगा। इस चक्कर में पीछे रफ्तार से आ रही गाड़ियों को भी अचानक स्पीड कम करनी पड़ती है, जिससे यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की आशंका है। साथ ही, गाड़ियां रोककर या धीमी कर गाड़ी में बैठे-बैठे ही विडियो बना रहे या सेल्फी ले रहे लोग भी हादसों को दावत देते दिख रहे हैं।

उड़ती धूल भी परेशानी का सबब

टनल के अंदर गाड़ियों की आवाजाही शुरू होते ही धूल उड़ने लगी है, जो लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी बन रही है। चूंकि टनल की लंबाई बहुत अधिक है, ऐसे में इस धूल को सीधे वेंटिलेट करके बाहर निकालने का जरिया नहीं है। इसे देखते हुए यहां पानी डालकर और झाड़ू लगाकर धूल को कम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन टनल के अंदर ही अंदर घुट रही धूल के कारण टू वीलर सवारों के साथ-साथ उन लोगों को भी दिक्कत हो रही है, जो यहां रुक कर सेल्फी खींच रहे हैं। इसके अलावा टनल के सबसे बीच के हिस्से में धूल सबसे ज्यादा घिरे होने के कारण वाहन चालकों को भी दूर तक साफ देखने में दिक्कत हो रही है। खासकर कर्व पर बेहद सावधानी बरतनी पड़ रही है।

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