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महंगाई में आटा गीला: अब गैर ब्रांडेड चावल और आटे पर भी चुकानी होगी 5 फीसदी GST, बढ़ जाएंगे दाम

जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग (GST Council Meeting) चंडीगढ़ में चल रही है. इस दो दिवसीय बैठक का आज आखिरी दिन है. बैठक के पहले दिन कई चीजों के टैक्स की दरों में संसोधन करने और कुछ चीजों पर टैक्स छूट खत्म करने का निर्णय लिया गया.

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नई दिल्‍ली. GST Council Meeting : पहले से ही खाद्य वस्‍तुओं की महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए एक और बुरी खबर है. चंडीगढ़ में चल रही जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में गैर ब्रांडेड चावल और आटे (GST ON Non Branded Rice And Flour) पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाने के निर्णय पर मुहर लग गई है. टैक्‍स लगने से अब गैर-ब्रांडेड आटे और चावल के भाव बढ़ जाएंगे. अभी तक केवल ब्रांडेड आटे और चावल पर ही 5 फीसदी जीएसटी लागू थी. इसके अलावा अब मीट, फिश, दही, पनीर और हनी जैसे प्री-पैक्ड और लेबल्ड फूड आइटम्स पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है.

मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग चंडीगढ़ में चल रही है. इस दो दिवसीय बैठक का आज आखिरी दिन है. बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी. बैठक के पहले दिन कई चीजों के टैक्स की दरों में संसोधन करने और कुछ चीजों पर टैक्स छूट खत्म करने का निर्णय लिया गया. सोने और बहुमूल्य धातुओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की मंत्रियों के समूहों की सिफारिशों को भी मान लिया गया है.

अब ये चीजें मिलेंगी महंगी

  • आटा और चावल जैसे गैर-ब्रांडेड आइटम्स अगर प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड हैं तो उन पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. अभी सिर्फ ब्रांडेड चावल और आटा पर जीएसटी लगता था.
  • बैंक चेक इश्यू करने के लिए जो फीस वसूलते हैं, उस पर अब टैक्स लगेगा.
  • सूखी फलीदार सब्जियां, गेहूं या मेसुलिन आटा, गुड़, मुरमुरे (Puffed Rice), सभी तरह के ऑर्गेनिक गुड्स और खाद और जूट (Coir) पर अब पांच फीसदी टैक्‍स लगेगा.
  • प्रिंटिंग, राइटिंग और ड्राइंग स्‍याही, चाकू, चम्मच और टेबल वेयर, डेयरी मशीनरी, एलईडी लैंप और ड्राइंग उपकरण पर जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है.
  • सोलर वाटर हीटर और फिनिशिड लेदर्स पर भी जीएसटी दर अब 5 की बजाय 12 फीसदी हो गई है.

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खाने-पीने की 104 वस्तुओं पर नहीं लगती जीएसटी

अभी तक दाल, चावल, आटे जैसी 104 खाने-पीने की वस्तुओं पर कोई जीएसटी नहीं लगता है. इनमें से लगभग 24 ऐसी वस्तुएं हैं, जिन पर केवल उस स्थिति में ही जीएसटी नहीं चुकानी होती, जब वो खुली बेची जा रही हों. मतलब यदि ये वस्तुएं ब्रांड के नाम से बिक रही हों तो उनपर 5% जीएसटी देनी होती है. इन 24 खाद्य सामग्रियों में गेहूं, गेहूं का आटा, मैदा, रवा, सूजी, चावल, चना, मूंग, उड़द, तुअर शामिल हैं.

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