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टैक्सी की तरह इस्तेमाल होंगे एयरक्राफ्ट, ट्रैफिक से मिलेगी राहत और किराया भी होगा कम, इन जगहों पर शुरू हो चुकी है सर्विस

कंपनी ने मुंबई, पुणे और शिरडी के बीच महाराष्ट्र में अपनी पहली उड़ानें शुरू कीं. बाद में इसने कर्नाटक (कुर्ग, हम्पी और काबिनी) और गोवा के लिए अपनी निर्धारित सीट-बाय-द-सीट हेलीकॉप्टर उड़ानों का विस्तार किया. अपनी बेड-टू-बेड एयर मेडवैक सेवा और चार्टर्ड प्लेन सेवा भी शुरू की.

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शहरों और खासतौर से महानगरों में एक तरफ जहां कई तरह की सुविधाएं बढ़ी हैं तो दूसरी तरफ ट्रैफिक की समस्याएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. सड़कों को काफी चौड़ा किए जाने के बाद भी सड़कें वाहनों से जाम हो जा रही हैं. लेकिन आने वाले समय में ट्रैफिक जाम से मुक्ति के लिए इन शहरों में हवा में चलने वाली टैक्सी देखने को मिल सकती है.

स्वाभाविक है कि इन टैक्सियों का फायदा वही लोग उठा पाएंगे जो थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर पाएंगे या फिर जिनको कोई इमरजेंसी या जल्दी होगी. अगर देखा जाए तो इसका ज्यादा फायदा ऐसे लोग उठाएंगे जो कॉर्पोरेट और बिजनेस मीटिंग आदि के लिए एक शहर से दूसरे शहर आते जाते रहते हैं और उन्हें एक फ्लाइट के बाद दूसरी फ्लाइट पकड़नी होती है. तो चलिए आपको इसके बारे में थोड़ा विस्तार से बताते हैं..

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नई दिल्ली स्थित फ्लाईब्लेड (Flyblade), जो हंच वेंचर्स (Hunch Ventures) और अमेरिका-आधारित फर्म ब्लेड (Blade) के बीच एक जॉइन्ट वेंचर है. इन्होंने 2019 में अपना परिचालन शुरू किया था.

फ्लाईब्लेड पहले से ही देश के कुछ सबसे भीड़भाड़ वाले जमीनी मार्गों के लिए लागत प्रभावी एयर ट्रांसपोर्टेशन (हवाई परिवहन) के ऑप्शन मुहैया कराती है. कंपनी मुंबई, शिरडी, पुणे और बेंगलुरु से हेलीकॉप्टर-आधारित फ्लाइट सर्विस देती है. अब कंपनी इस महीने के आखिर में लगभग 3,500 रुपये में हेलीकॉप्टर टैक्सियों जरिए बेंगलुरु में हवाई अड्डे पहुंचाने की सर्विस देकर अपनी सेवाओं का विस्तार कर रही है.

फर्म ने हाल ही में अगले कुछ वर्षों में और ज्यादा मार्गों में 200 वीटीओएल विमान जोड़ने की योजना का एलान किया है.

अर्बन एयर मोबिलिटी कंपनी फ्लाई ब्लेड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस अक्टूबर-नवंबर में एयरबस से एक H125 हेलीकॉप्टर मिलने की संभावना है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी 10 अक्टूबर से बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और HAL के बीच 3,250 रुपये प्रति सीट पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी बाद में व्हाइटफील्ड और इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए और मार्ग पेश करेगी.

5-6 लोगों के बैठने की व्यवस्था

मैनेजिंग डायरेक्टर अमित दत्ता के मुताबिक गुजरात के गिफ्ट सिटी में एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने एयरबस के साथ कुछ हेलीकॉप्टरों के ऑर्डर दिए हैं. हेलीकॉप्टरों में 5/6 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता होगी. इस अक्टूबर-नवंबर में पहला हेलीकॉप्टर दिए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सहायक कंपनी उन ऑपरेटरों को हेलीकॉप्टर पट्टे पर देगी जिनसे फ्लाई ब्लेड इसके संचालन के लिए किराए पर लेगा.

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फ्लाई ब्लेड यूएस-आधारित ब्लेड अर्बन एयर मोबिलिटी इंक और नई दिल्ली स्थित उद्यम पूंजी फर्म, हंच वेंचर्स के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसने 2019 में अपना परिचालन शुरू किया था.

कंपनी ने बेड़े के विस्तार के माध्यम से भारत में अपनी शॉर्ट-हॉल एयर मोबिलिटी सेवाओं का विस्तार करने के लिए एयरबस और ईव एयर मोबिलिटी के साथ साझेदारी की है.

इन जगहों पर मिलती है सर्विस

कंपनी ने मुंबई, पुणे और शिरडी के बीच महाराष्ट्र में अपनी पहली उड़ानें शुरू कीं. बाद में इसने कर्नाटक (कुर्ग, हम्पी और काबिनी) और गोवा के लिए अपनी निर्धारित सीट-बाय-द-सीट हेलीकॉप्टर उड़ानों का विस्तार किया. अपनी बेड-टू-बेड एयर मेडवैक सेवा और चार्टर्ड प्लेन सेवा भी शुरू की.

बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और HAL हवाईअड्डे के बीच प्रस्तावित हेलीकाप्टर सेवा के बारे में उन्होंने कहा कि हर साल करीब चार करोड़ लोग हवाई अड्डे पर आते हैं और उनमें से अधिकतर टैक्सियों से आते हैं जो करीब 2,000 रुपये लेते हैं. टैक्सी यातायात के एक छोटे प्रतिशत को हेलीकॉप्टर सेवा में परिवर्तित करने से राजस्व बढ़ने की एक बड़ी संभावना होगी.

3,250 रुपये है किराया

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, “बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे तक पहुंचने में लगभग दो घंटे लगते हैं. दूसरी ओर 3,250 रुपये में हमारे हेलीकॉप्टर से 12 मिनट में हवाईअड्डे तक पहुंचा जा सकता है.” उनके मुताबिक गोवा में भी इसी तरह की सर्विस ऑफर की जाएगी.

डिमांड में तेजी

दत्ता ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कंपनी ने चिकित्सा निकासी उड़ानें संचालित की थीं. कोविड-19 लॉकडाउन के हटने के बाद घरेलू पर्यटकों की मांग में तेजी आई है. कंपनी की फ्लाइट्स में करीब 75 फीसदी ऑक्यूपेंसी है.

उनके अनुसार, कंपनी अगले 24 महीनों में अपने नेटवर्क का विस्तार करने और 10 राज्यों में अपनी सेवाएं देने की योजना बना रही है. हालांकि, अभी भी शुरुआती चरण की कुछ समस्याएं हैं. मध्य जून से सितंबर के बीच मानसून के दौरान वीटीओएल विमान नहीं चलाए जा सकते हैं. साथ ही हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की कमी एक और चुनौती है.

दत्ता ने कहा कि भारत में सिर्फ 200 हेलीकॉप्टर हैं जो एनएसओपी (गैर अनुसूचित ऑपरेटर परमिट) द्वारा संचालित हैं, और उनमें से लगभग आधे तेल और खनन फर्मों के हैं. आपूर्ति की समस्या के समाधान के लिए, फ्लाईब्लेड इस समय एक लीजिंग मॉडल पर दांव लगा रही है जो राजस्व-साझाकरण के आधार पर गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों (एनएसओपी) के साथ साझेदारी करता है. उन्होंने कहा कि लेकिन इन्हें भारतीय हवाई क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले नियामकों द्वारा पूरी तरह से प्रमाणित होने में 2-3 साल और लग सकते हैं.

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