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धर्म

Diwali 2022: दिवाली पर इस विधि से कर लें लक्ष्मी-गणेश की पूजा, रातोंरात हो जाएंगे धनवान, कई गुना मिलेगा फल

Diwali 2022 Puja Vidhi: कार्तिक माह का पूरा महीना ही मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है. इस माह में दिवाली पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. लेकिन दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से जीवनभर धन की कमी नहीं होती.

Lakshmi-Ganesh Pujan On Diwali: हिंदू धर्म में कार्तिक माह के सर्वोत्तम माना गया है. कहा जाता है कि कार्तिक माह में पूजा-पाठ करने का कई गुना ज्यादा फल मिलता है. कार्तिक माह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है. इस माह में ही कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं. कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विशेष महत्व है. 

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा अगर सही विधि और सही मुहूर्त में की जाए, तो पूजा का फल कई गुना ज्यादा मिलता है. इस दिन सही विधि से पूजा करने से व्यक्ति तो जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती. और जीवनभर मां लक्ष्मी आपके घर पर मेहरबान रहते हैं. आइए जानते हैं मां लक्ष्मी और गणेश जी की सही पूजा विधि के बारे में. 

दिवाली पर इस विधि से करें पूजा

– दिवाली के दिन मिट्टी के दीयों को जलाने का विशेष महत्व है. ऐसे में दिवाली के दिन पूजा के समय 11, 21, 31, 51, 71 या 101 मिट्टी के दीये जलाएं. साथ ही, मिट्टी का एक बड़ा चौमुखी दीपक भी जलाएं.

– एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. और मां लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद लक्ष्मी-गणेश को पंचामृत और अष्टगंध से स्नान कराएं. 

– स्नान के बाद सुपारी, सोलह पैसों के सिक्के, थोड़ा-सा अष्टगंध, रोली, अक्षत, फूल और जल से षोडष्पोचार करें. इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को लौंग, इलायची, सुपारी, पंचमेवा, लड्डू, बर्फी और पांच तरह के फल अर्पित करें. 

– भगवान की मूर्ति स्थापित करने के साथ-साथ दक्षिणावर्ती शंख, श्री यत्र, गोमती चक्र, पीली कौड़ी, धनिये के बीज, हल्दी की गांठ, हत्था जोड़ी और मोती शंख की स्थापना भी पूजा स्थल पर स्थापित करें. 

– पान के पांच या छह पत्ते, रूई, अशोक या आम के पत्ते के साथ कलश स्थापित करें. कमल का फूल, खील बताशे से मां लक्ष्मी का पूजन करें. 

– दिवाली की रात सरसों का तेल और शुद्ध गाय का घी लें और बत्ती बना कर अखंड ज्योति जलाएं. 

– फिर चावल में हल्दी मिलाकर अष्टदल बना लें. इसके बाद इस अष्टदल कमल पर दीपक स्थापित करें. और वहीं कलश की स्थापना  करें. कलश पर फूल अर्पित करें और अखंड दीपक का तिलक करें. 

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