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निवेशकों के लिए मुनाफा बनाने का एक और मौका, 3 नवंबर को खुलेगा मेदांता की पेरेंट कंपनी का आईपीओ

आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नये शेयर जारी किये जायेंगे. इसके अलावा इसमें 5.08 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है. इसमें कंपनी के मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगें.

नई दिल्ली. मेदांता ब्रांड के तहत अस्पतालों का परिचालन और प्रबंधन करने वाली कंपनी ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड का आईपीओ तीन नवंबर से सात नवंबर तक बोली के लिए खुलेगा. कंपनी ने आईपीओ के लिए दायर मसौदा दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई. खबरों के मुताबिक, आईपीओ का साइज करीब 2,200 करोड़ रुपये होगा. इससे प्राप्त राशि का उपयोग ऋण और सामान्य कारोबार उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

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आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नये शेयर जारी किये जायेंगे. इसके अलावा इसमें 5.08 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है. इसमें कंपनी के मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगें. ओएफएस के तहत, निजी इक्विटी कंपनी कार्लाइल ग्रुप से संबंधित इकाई अनंत इंवेस्टमेंट्स और सुनील सचदेवा (सुमन सचदेवा के साथ संयुक्त रूप से) शेयरों की बिक्री करेंगे. ग्लोबल हेल्थ में अनंत इन्वेस्टमेंट्स की 25.64 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, सचदेवा की इसमें 13.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, क्रेडिट सुइस सिक्योरिटीज (इंडिया), जेफरीज इंडिया और जेएम फाइनेंशियल आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं.

कंपनी का प्रोफाइल
ग्लोबल हेल्थ की स्थापना जाने-माने चिकित्सक नरेश त्रेहन ने की थी. यह भारत के उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में एक प्रमुख निजी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पतालों की चेन है. ग्लोबल हेल्थ गुरुग्राम, इंदौर, रांची, लखनऊ और पटना में ‘मेदांता’ ब्रांड के तहत पांच अस्पतालों का एक नेटवर्क संचालित करती है. इसके अलावा नोएडा में उसका एक अस्पताल निर्माणाधीन है. वित्त वर्ष 2024-25 में नोएडा स्थित अस्पताल में परिचालन शुरू होने पर कंपनी की कुल बेड की संख्या 3,500 से अधिक होने का अनुमान है. कंपनी की पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल आय 2,205.8 करोड़ रुपये थी. इस दौरान उसने 196.2 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.

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भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग में अच्छी वृद्धि का अनुमान
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-2026 के बीत भारत का स्वास्थ्य सेवा उद्योग 13-15 फीसदी का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) दर्ज कर सकता है. क्रिसिल ने इसके कारकों में मांग में वृद्धि, स्ट्रांग फंडामेंटल, बढ़ती अफोर्डिबिलिटी और आयुष्मान भारत योजना को गिनाया है. भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काफी वृद्धि की उम्मीद है. दरअसल, देश में हर 10,000 लोगों पर केवल अस्पताल में 15 बिस्तर मौजूद हैं. जबकि वैश्विक औसत 29 बेड्स की है. इसलिए इस इंडस्ट्री में ग्रोथ का काफी स्कोप है.

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