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उत्तर प्रदेश

तो मैनपुरी में होगा जेठानी VS देवरानी, एक तस्वीर से अटकलें तेज.

लखनऊ. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होना है. समाजवादी पार्टी का मजबूत किला कहे जाने वाले मैनपुरी सीट पर अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारकर पिता की विरासत को सहेजने की कोशिश की है. इस बीच एक तस्वीर ने अटकलें तेज कर दी हैं कि मैनपुरी उपचुनाव में मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी उतर सकती है. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुई अपर्णा यादव ने गुरुवार शाम लखनऊ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाक़ात की. इस मुलाक़ात की तस्वीरें बाहर आते ही अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया. चर्चा है कि मैनपुरी में डिंपल बनाम अपर्णा का मुकाबला भी देखने को मिल सकता है.

बता दें कि गुरुवार को समाजवादी पार्टी की तरफ से मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है. बीजेपी की तरफ से अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. इस बीच अपर्णा यादव की भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात कर इन चर्चाओं को बल दे दिया है कि वे भी बीजेपी की तरफ से टिकट के दावेदारों में से एक हैं. हालांकि यादव बाहुल्य सीट पर बीजेपी अपर्णा यादव पर दांव खेलती है या फिर किसी ‘शाक्य’ सूरमा को मैदान में उतारती है यह दो तीन दिन में साफ हो जाएगा.

डिंपल के सामने भी है चुनौती

गौरतलब है कि मैनपुरी की सीट पर मुलायम सिंह का एकछत्र राज्य रहा. जब-जब चुनाव लड़े विरोधी पास भी नहीं आ सके. हर चुनाव में एकतरफा मुकाबला रहा. अब उनके निधन के बाद इस सीट को बचाने की चुनौती समाजवादी पार्टी के सामने है. अखिलेश के लिए भी साख का सवाल है, लिहाजा पत्नी डिंपल को मैदान में उतारकर खुद चाणक्य की भूमिका में आ गए हैं. लेकिन क्या मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी का किला हिलने वाला है, या फिर डिंपल गढ़ बचाने में कामयाब रहेंगी.

डिंपल को उतारकर अखिलेश ने साधे कई निशाने

मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए डिंपल यादव को उतारकर अखिलेश यादव ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. अखिलेश यादव यह बखूबी जानते हैं कि पार्टी और परिवार में डिंपल यादव एक ऐसा चेहरा हैं जिसके नाम को लेकर कोई विवाद नहीं है. लेकिन मुलायम की विरासत को सजोए रखना डिंपल के लिए भी आसान नहीं होगा, क्योंकि बीजेपी की तरफ से बार-बार इस नरेटिव को सेट किया जा रहा है कि मुलायम सिंह के निधन के बाद से ही पार्टी और परिवार में समाजवाद का भी अंत हो गया है.

बीजेपी ने बनाई है खास रणनीति 

मैनपुरी में समाजवादी पार्टी को पटखनी देने के लिए बीजेपी ने भी खास रणनीति बनाई है. प्रत्याशी के नाम को लेकर मंथन का दौर जारी है. बताया जा रहा है कि बीजेपी अपने तुरुप के इक्के की घोषणा जल्द कर अखिलेश को घेर सकती है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि यह तो पहले से ही पता था कि सपा का प्रत्याशी कौन होगा. समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ता तो सिर्फ जिंदाबाद और मुर्दाबाद नारे लगाने के लिए हैं. चुनाव तो सिर्फ सैफई कुनबा ही लड़ेगा. आजमगढ़ में भी धर्मेंद्र यादव को लड़ाया गया और अब मैनपुरी में डिंपल यादव को उतारा गया है.

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