All for Joomla All for Webmasters
समाचार

एडल्ट होने पर बेटी को जरूर बताएं ये बातें, बढ़ेगी समझदारी

Parenting

Parenting tips: बच्चे अमूमन बड़े होने के बाद भी माता-पिता के लिए छोटे ही रहते हैं. वहीं उम्र की परवाह किए बिना पेरेंट्स बच्चों को प्यार और दुलार देने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. खासकर बेटियां घर में पेरेंट्स की सबसे ज्यादा लाडली होती हैं. हालांकि कई बार पेरेंट्स कुछ मुद्दों पर बेटियों (Daughters) से खुलकर बात करने में हिचकिचाते हैं. लेकिन अगर आपकी बेटी एडल्ट हो रही है, तो उसे कुछ बातें समझाना पेरेंट्स के लिए जरूरी हो जाता है.

वैसे तो पेरेंट्स जिंदगी की हर मुश्किल में बेटी के साथ खड़े नजर आते हैं. मगर किशोरावस्था को काफी कच्ची उम्र माना जाता है. ऐसे में सही मार्गदर्शन न मिलने पर बच्चे बिगड़ भी सकते हैं. वहीं पेरेंट्स से अच्छा गाइड बच्चों को शायद ही कहीं मिल सकता है. ऐसे में एडल्ट ऐज के साथ बेटी को सही रास्ता दिखाकर आप उसे सक्सेसफुल बनाने के साथ-साथ बेहतर इंसान भी बना सकते हैं.

सेल्फ डिपेंडेंट बनाएं

बचपन में अक्सर बच्चों के सभी काम पेरेंट्स कर देते हैं. मगर एडल्ट होने के साथ बेटी को अपने काम स्वयं करने की आदत डलवाएं. ऐसे में बेटी को स्कूल का होमवर्क करने से लेकर पर्सनल चीजें मैनेज करने और अपनी चीजों की सुरक्षा खुद करने दें. इससे आपकी बच्ची अपने कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगी और बेटी अपनी चीजों को लेकर जिम्मेदार भी बनेगी. साथ ही अपना काम खुद करने से बच्ची का आत्मविश्वास भी बढ़ने लगेगा.

सोशल एटिकेट्स सिखायें

बेटी के बड़े होने के साथ ही उसे समाज के तौर-तरीके सिखाना न भूलें. ऐसे में बेटी को बड़ों की रिस्पेक्ट करने, छोटो को स्नेह देने और मेहमानों का आदर करना सिखायें. वहीं घर से बाहर निकलने पर शॉपिंग मॉल और रेस्टोरेंट जैसी जगहों पर बेटी को सही तरह से बिहेव करने की सलाह दें.

गुस्सा जताने का तरीका

बचपन में गुस्सा आने पर बच्चे अक्सर बड़ों को उल्टा-सीधा भी बोल देते हैं. वहीं बड़े भी बच्चों को छोटा समझकर माफ कर देते हैं. मगर बेटियों के एडल्ट होने पर उन्हें गुस्सा जताने के सही तरीके से अवगत कराएं. साथ ही बेटी को किसी बात पर नाराजगी और असहमति दर्ज कराने का तरीका बताएं. वहीं गलती करने पर बेटियों को अपनी गलती एक्सेप्ट करना भी सिखायें.

बुक्स पढ़ने की आदत डालें

एडल्ट होने के साथ आप बेटियों में अच्छी-अच्छी हॉबी डेवेलप कर सकते हैं. बुक्स पढ़ने की आदत भी इन्हीं में से एक है. किशोरावस्था में बेटियां अक्सर खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं. ऐसे में आप बेटी को मशहूर लेखकों की किताबें पढ़ने के लिए दे सकते हैं. इससे बेटियों की रीडिंग हैबिट बेहतर होगी. साथ ही बच्ची में समझदारी का विकास भी होने लगेगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top