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मध्य प्रदेश

एमपीसीए में सिंधिया राजपरिवार की तीसरी पीढ़ी, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य के बेटे महानआर्यमन आजीवन सदस्य बने

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 27 वर्षीय बेटे महानआर्यमन को आजीवन सदस्य के रूप में एमपीसीए में शामिल किया गया

इंदौर: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 27 वर्षीय बेटे महानआर्यमन सिंधिया को आजीवन सदस्य के रूप में मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) में शामिल किया गया है. एमपीसीए के एक शीर्ष पदाधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. इस साल अप्रैल में ग्वालियर के संभागीय क्रिकेट संगठन के उपाध्यक्ष बनाए गए महानआर्यमन, एमपीसीए में खासा रसूख रखने वाले पूर्व ग्वालियर राजवंश की तीसरी पीढ़ी के नुमाइंदे हैं, जो अब औपचारिक तौर पर इस संगठन का हिस्सा हो गए हैं. इससे पहले, उनके दिवंगत दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया एमपीसीए के शीर्ष पदों पर रह चुके हैं.

एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने इंदौर स्थित संगठन की वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) के बाद संवाददाताओं को बताया,एजीएम से पहले नियमित प्रक्रिया के तौर पर एमपीसीए में शामिल किए गए छह नये सदस्यों में महानआर्यमन सिंधिया शामिल हैं. इनमें से महानआर्यमन को आजीवन सदस्य बनाया गया है. खांडेकर ने कहा कि महानआर्यमन ग्वालियर संभाग क्रिकेट संगठन के उपाध्यक्ष हैं और संभाग में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए पिछले छह-सात सालों से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमपीसीए की सदस्यता के लिए अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय मंत्री के बेटे का आवेदन भी पिछले कई दिनों से लम्बित था.

एमपीसीए की होलकर स्टेडियम में आयोजित एजीएम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया संगठन के सदस्य के तौर पर शामिल हुए. महानआर्यमन को एमपीसीए की सदस्यता दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने अपने बेटे के नाम का उल्लेख किए बगैर कहा, जिन लोगों में खेल-कूद और क्रिकेट के प्रति रुचि है, हमें ऐसे सभी लोगों को एमपीसीए से जोड़कर संगठन को आगे ले जाना है. हमने एमपीसीए प्रबंधन से निवेदन किया है कि वे सभी नए-पुराने सदस्य जो खेल के विकास में पूर्ण रूप से योगदान करना चाहते हैं, उनका इस क्षेत्र में पूरा इस्तेमाल होना चाहिए.

गौरतलब है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले सरीखे वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासकों को एमपीसीए के अपने अहम ओहदे जनवरी 2017 में छोड़ने पड़े थे, क्योंकि तब दोनों को इस संगठन की प्रबंध समिति के अलग-अलग पदों पर रहते 9 साल से अधिक का समय हो गया था. नतीजतन वे लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस संगठन में पद संभालने के लिए अपात्र हो गए थे.

इस बीच, एमपीसीए अध्यक्ष खांडेकर ने बताया कि एजीएम के दौरान संगठन की निवर्तमान कार्यकारिणी को तीन साल के एक और कार्यकाल के लिए निर्विरोध चुना गया. उन्होंने कहा,हमारी कार्यकारिणी को एक और कार्यकाल दिया गया है, जो एमपीसीए के लिए अच्छा संकेत है. एमपीसीए एक छोटा-सा परिवार है. इसमें चुनाव के चलते अनावश्यक तौर पर गुटीय राजनीति हावी हो जाती है और क्रिकेट की ओर से ध्यान हट जाता है. एमपीसीए की कार्यकारिणी में अध्यक्ष खांडेकर के अलावा जो लोग अपने पदों पर बरकरार हैं, उनमें उपाध्यक्ष रमणीक सिंह सलूजा, मानद सचिव संजीव राव, मानद कोषाध्यक्ष पवन कुमार जैन और मानद संयुक्त सचिव सिद्धयानी पाटनी शामिल हैं. (भाषा)

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