Garud Puran: जन्म के बाद मृत्यु इस संसार का अटल सत्य है. बहुत से लोग अपने परिवार के सदस्य को खोने के बाद उसकी वस्तुओं को याद के तौर पर संभाल कर रखते हैं, जबकि कुछ लोग मृत्यु के बाद व्यक्ति से जुड़ी वस्तुएं खासकर कपड़ों को दान कर देते हैं. मृत व्यक्ति के कपड़ों को दान करने के पीछे धार्मिक व वैज्ञानिक कारण भी हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं कि आखिर मृत व्यक्ति के कपड़ों का दान क्यों कर देना चाहिए?
गरुड़ पुराण में है इसकी वजह
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के कपड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए. जैसे व्यक्ति को अपनी चीजों के प्रति जुड़ाव रहता है, उसी तरह मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का जुड़ाव उन सभी चीजों से रहता है. खासकर व्यक्ति को अपने कपड़ों से बहुत लगाव होता है. कहते हैं कि मृत व्यक्ति के कपड़े धारण करने से जीवात्मा उस व्यक्ति की तरफ आकर्षित होती है, जिससे उस व्यक्ति को एक अलग ही ऊर्जा का एहसास होता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृतक व्यक्ति इस भौतिक संसार से अपना मोह नहीं छोड़ पाता और वह अपने परिवार के साथ ही रहना चाहता है. मान्यता है कि मृतक की आत्मा के मोक्ष के लिए उससे जुड़ी चीजों को दान कर देना चाहिए.
वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक दृष्टि से भी मृत व्यक्ति के कपड़ों का उपयोग सही नहीं बताया गया है. माना जाता है कि जब किसी अपने की मृत्यु होती है तो हमें बहुत दुःख होता है और हम उनसे जुड़ी हुई चीजों को संभालकर रखते हैं.
कुछ लोग मृतक के कपड़ों को भी पहन लेते हैं, लेकिन ऐसा करना व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार बना सकता है क्योंकि जब हम उन वस्तुओं और कपड़ों को इस्तेमाल करते हैं, तब हम अपने प्रियजन को और ज्यादा याद करते हैं, जिससे हमारे मन और दिमाग में उनकी यादें बढ़ जाती हैं और हम उनके बारे में सोचने लगते हैं. इसके कारण हमारा मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है.