आईपीएल 2023 के ऑक्शन के लिए बीसीसीआई ने टाई ब्रेकर नियम (IPL Tie Breaker Rule) लागू कर दिया है. बेहद दिलचस्प है ये नियम. इसके तहत फ्रेंचाइजी को यह छूट दी जाती है कि वो पैसा खत्म होने के बावजूद भी जबतक मन करे खिलाड़ी के लिए बोली लगा सकती है.
नई दिल्ली: आज आईपीएल (IPL Auction 2023) के लिए मिनी ऑक्शन का आयोजन होना है. ऐसे मे कोच्चि में होने वाले इस विशेष समारोह के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. बीसीसीआई सभी 10 टीमों के मिलाकर खाली पड़े 67 स्लॉट को भरने के लिए यह मिनी ऑक्शन कराने जा रही है. दोपहर ढाई बजे से ऑक्शन शुरू होगा जो रात नौ बजे तक चल सकता है. बीसीसीआई ने इस बार ऑक्शन के लिए एक विशेष टाई ब्रेकर का नियम (IPL Tie-Breaker Rule) लागू किया है. आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये टाई ब्रेकर नियम क्या है. आइये हम आपको इसकी जानकारी देते हैं.
क्या है टाई-ब्रेकर नियम?
पहली बार साल 2010 में टाई-ब्रेकर नियम आया था, जिसे मिनी ऑक्शन के लिए लागू किया गया था. इसके तहत अगर कोई टीम किसी खिलाड़ी को खरीदना चाहती है और तब तक उस खिलाड़ी के लिए बोली लगती रहती है, जब तक उनके पर्स का पैसा खत्म ना हो जाए, तो उसके बाद टाई ब्रेकर नियम लागू होता है. इसके तहत टीमों को उस खिलाड़ी के लिए सीक्रेट बोली लिखकर देनी होती है. जिस टीम की बोली ज्यादा होती है, वह खिलाड़ी उस टीम का हो जाता है.
प्लेयर को नहीं मिलता लाभ
यहां ये बता दें कि ऐसी स्थिति में उक्त खिलाड़ी को उतना ही पैसा मिलता है जितना टीम के पर्स में होता है. उसके लिए लगाई गई बोली की अतिरिक्त राशि बीसीसीआई के खाते में जाती है. टाई ब्रेकर बिड के तहत राशि की कोई तय सीमा नहीं है. अगर टाई-ब्रेकर बिड भी बराबर हो जाती है तो दोबारा इसी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा.
बीसीसीआई के लिए फायदे का सौदा
एक अधिकारी ने इनसाइड स्पोर्ट्स वेबसाइट से कहा, “टाई ब्रेकर के तहत एक फ्रेंचाइजी से पूछा जाता है कि वो कौन सी राशि है जो आप उक्त खिलाड़ी के लिए अदा करने को तैयार हैं. जो भी राशि फ्रेंचाइजी एक पेपर पर लिखकर बीसीसीआई को देती है वो बिड टाई होने से अतिरिक्त रकम होती है. यह रकम बीसीसीआई के खाते में जाती है. उन्हें अपने पर्स के अतिरिक्त रकम खर्चने का मौका बीसीसीआई देती है. टाई ब्रेक बिड में एक फ्रेंचाइजी किसी भी हद का बोली लगा सकती है. इसमें कोई कैप नहीं लगाया गया है.”