मौसम विभाग की माने तो दिल्ली समेत पूरी उत्तर भारत अभी भी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है और खाड़ी क्षेत्र से बहने वाली गर्म नम हवाओं के कारण यहां लोगों को ठंड से हल्की राहत मिली है.
Weather Forecast Today: दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाकें की ठंड पड़ रही है. नए साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतक हिस्से भीषण ठंड व शीत लहर के चपेट में रहेंगे. संभावना जताई जा रही है कि जनवरी की शुरुआत में दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सर्दी कहर ढा सकती हैं. मौसम विभाग की माने तो दिल्ली समेत पूरी उत्तर भारत अभी भी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है और खाड़ी क्षेत्र से बहने वाली गर्म नम हवाओं के कारण यहां लोगों को ठंड से हल्की राहत मिली है. हालांकि मौसम विज्ञानियों ने 31 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट शुरू होने का अंदेशा जताया है.
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आज का मौसम
आज के मौसम के हालात भी सर्द रहने वाले हैं. इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश की संभावना है. वहीं मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी. दिल्ली में एक तरफ जहां कड़ाके की ठंड पड़ेगी वहीं दूसरी तरफ आज का वायु गुणवत्ता 328 दर्ज किया गया है. चारों तरफ घना कोहरा छाया रहेगा और इस दौरान विजिबिलिटी भी कम रहेगी. ऐसे में नए साल पर कड़ाके की ठंड का उत्तर भारत को सामना करना पड़ेगा. इस बीच देश के कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी की सभावना जताई गई हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को न्यूनतम तापमान घटकर छह डिग्री सेल्सियस हो जाएगा, जबकि सोमवार (दो जनवरी) को पारा चार डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने के आसार हैं. उसका पूर्वानुमान है कि पहली से चार जनवरी तक दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घना कोहरा छाये रहने और शीतलहर चलने के आसार हैं. दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था वहीं बुधवार को यह 6.3 डिग्री सेल्सियस, मंगलवार को 5.6 डिग्री और सोमवार को 5 डिग्री सेल्सियस था.
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रेलवे के एक प्रवक्ता के मुताबिक कई इलाकों में घने कोहरे का रेलवे की यातायात पर असर देखने को मिल रहा है. वहीं कई ट्रेनें देरी से संचालित की जा रही हैं. मौसम विज्ञानियों ने कहा कि उत्तर-पश्चिम से बहने वाली सर्द हवाओं और कोहरे से धूप की तीव्रता में कमी के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दिनों में शीत लहर और सामान्य से कम तापमान का दौर देखने को मिला था. उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई जबकि, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म होने के बाद मैदानी इलाके सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गिरफ्त में आ गए.