RBI Monetary Policy 2023: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. इससे रेपो रेट अब 6.50 फीसदी हो गई है.
नई दिल्ली. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एमपीसी की बैठक खत्म होने के बाद बताया कि रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 फीसदी की वृद्धि की जा रही है. आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट में इजाफा किया है. इसके बाद आगे लोन लेना और महंगा हो जाएगा. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के 6 में से 4 लोगों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में हामी भरी थी. बकौल दास, वित्त वर्ष 24 में महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि मई 2022 से जारी ब्याज दरों में वृद्धि का असर धीरे-धीरे अपना असर दिखा रहा है.
ये भी पढ़ें– Pension Scheme: सरकार ने शुरू की एक और पेंशन योजना, कर्मचारियों को मिलेगा OPS से ज्यादा फायदा!
उन्होंने कहा कि जनवरी-मार्च 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 5.6 फीसदी रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल इसी समय पर यह 5.9 फीसदी थी. जीडीपी की ग्रोथ को लेकर उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. बकौल दास, अप्रैल-जून 2023 में यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 7.1 फीसदी से बढ़कर 7.8 फीसदी पर पहुंच जाएगी. इसके अलावा जुलाई-सिंतबर में 5.9 फीसदी के मुकाबले 6.2 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर में 6 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 में इसके 5.8 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है.
महंगाई
शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 23 के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, अगले वित्त वर्ष में इसके गिरकर 5.3 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि रबी सीजन में अच्छी पैदावार के कारण खाने-पीने की चीजों में महंगाई घटेगी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले साल के कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रमों के कारण मौद्रिक नीति के सामने चुनौतीपूर्ण समय ला खड़ा किया है.
ये भी पढ़ें– Senior Citizens के लिए आई अच्छी खबर, अब मुफ्त में करें हवाई सफर, सरकार ने किया ऐलान!
वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर
शक्तिकांत दास ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी उतनी खराब नहीं दिख रही है जितनी कुछ महीने पहले दिख रही थी. उन्होंने कहा है कि मुख्य अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि के आसार पहले से बेहतर हुए हैं. बकौल दास, महंगाई दर भी काबू में है लेकिन अब भी कई देशों में यह लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अन्य एशियाई मुद्राओं के मुकाबले भारतीय रुपया 2022 में सबसे कम उतार-चढ़ाव वाला रहा. यह अब भी बाकियों के मुकाबले बेहतर स्थिति में दिख रहा है.