All for Joomla All for Webmasters
धर्म

Amalaki Ekadashi 2023: कब है आमलकी एकादशी? जान लें विष्णु पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व

Amalaki Ekadashi 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. जानते हैं आमलकी एकादशी व्रत के पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व के बारे में.

Amalaki Ekadashi 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. आंवले के पेड़ को आदि पेड़ कहा जाता है क्योंकि जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई, तभी भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ की भी उत्पत्ति की. अंवाले के पेड़ को देव वृक्ष कहा जाता है क्योंकि उसमें देवताओं का वास होता है. आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी देवों का आशीर्वाद मिलता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं आमलकी एकादशी व्रत के पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व के बारे में.

ये भी पढ़ें– Vastu Shastra Habbits: रात को सोने से पहले जरूर करें ये काम! वरना भोगने पड़ सकते हैं कई कष्ट

आमलकी एकादशी 2023
पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 02 मार्च गुरुवार को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 03 मार्च शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 1 मिनट पर खत्म हो जाएगी. ऐसे में उदयाति​थि को मानते हुए आमलकी एकादशी व्रत 03 मार्च को रखा जाएगा.

आमलकी एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त
03 मार्च को आमलकी एकादशी व्रत की पूजा आप सुबह से कर सकते हैं क्योंकि इस दिन सुबह से लेकर शाम तक सौभाग्य योग है, उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ होगा. इस दिन आप सुबह 06 बजकर 45 मिनट से दिन में 11 बजकर 06 मिनट तक विष्णु पूजा कर सकते हैं.

आमलकी एकादशी 2023 पारण समय
आमलकी एकादशी व्रत का पारण 4 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट के मध्य तब कर लेना चाहिए. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन दिन में 11 बजकर 43 मिनट पर होगा.

ये भी पढ़ें– Holi Ke Upay: होलिका दहन के समय किए ये काम बनाते हैं धनवान, तिजोरी में बना रहेगा मां लक्ष्मी का वास

3 शुभ योग में आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. सुबह 06 बजकर 45 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ होगा और दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इस दिन सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर शाम 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा, उसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा.

स्वर्ग और पृथ्वी की भद्रा
आमलकी एकादशी के दिन स्वर्ग और पृथ्वी की भद्रा है. भद्रा स्वर्ग में सुब​ह 06 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 58 मिनट तक है, उसके बाद से पृथ्वी पर उसका वास होगा. भद्रा का समापन सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा.

आमलकी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति आमलकी एकादशी का व्रत रखता है और भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करता है, उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top