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बैंकों में जमा 35 हजार करोड़ का कोई हकदार नहीं, RBI को लौटाया पैसा, कहीं आप तो रखकर नहीं भूल गए?

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Unclaimed Deposits : फरवरी 2023 तक सरकारी बैंकों के पास 35,012 करोड़ रुपये जमा थे जिन पर किसी ने दावा नहीं किया था. वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में बिना दावे वाली राशि 48,262 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2020-21 में यह राशि 39,264 करोड़ रुपये थी.

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नई दिल्‍ली. सरकारी बैंकों के 10.24 करोड़ खातों में 35,012 करोड़ रुपये फरवरी 2023 तक जमा थे, जिनको पिछले 10 साल से ऑपरेट नहीं किया गया है. इस लावारिस डिपॉजिट (Unclaimed deposits) को बैंकों ने रिजर्व बैंक (RBI) में ट्रांसफर कर दिया गया है. अनक्लेम्ड डिपॉजिट वह रकम है जो 10 साल से अधिक समय से ऑपरेट नहीं की गई है. मार्च 2022 तक 48,262 करोड़ रुपये बैंकों में लावारिस डिपॉजिट के तौर पर थे. लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी.

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भारतीय रिजर्व बैंक लावारिस डिपॉजिट को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में डाल देता है. फरवरी 2023 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पास 8,086 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के पास 5,340 करोड़ रुपए, केनरा बैंक के पास 4,558 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 3,904 करोड़ रुपए की अनक्लेम्ड डिपॉजिट थी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, अगर कोई उपभोक्ता अपने खाते से 10 साल तक कोई लेनदेन नहीं करता है तो उस खाते में जमा रकम अनक्लेम्ड (Unclaimed) हो जाती है. जिस खाते से लेनदेन नहीं किया जा रहा है, वह निष्क्रिय (Dormant account) हो जाता है.

अनक्लेम्‍ड राशि बचत खाता, चालू खाता, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट खाते में हो सकती है. किसी बैंक अकाउंट के निष्क्रिय होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अकाउंट होल्‍डर द्वारा बैंक खाते को भूल जाना या खाताधारक की मौत हो जाना, परिवार वालों को मृतक के अकाउंट के बारे में जानकारी न होना, गलत पता या फिर खाते में नॉमिनी दर्ज न होना.

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कैसे करें पता
अनक्‍लेम्‍ड डिपॉजिट्स के बारे में जानकारी आमतौर पर बैंक वेबसाइट्स पर ही मिल जाती है. अकाउंट पैन कार्ड, जन्‍मतिथि, नाम और पते से यह जानकारी ली जा सकती है कि क्‍या अकाउंट होल्‍डर के खाते में अनक्‍लेम्‍ड राशि पड़ी है. बैंक सामान्‍य पूछताछ और जरूरी दस्‍तावेज लेकर निष्क्रिय अकाउंट में पड़ी राशि को ब्‍याज सहित लौटा देते हैं.

कैसे करें क्‍लेम?
खाताधारक बैंक से संपर्क करके जरूरी कागजात दोबारा जमा करवाकर बैंक खातें में पड़ी राशि निकलवा सकता है. अगर खाताधारक की मृत्‍यु हो गई है तो नॉमिनी आसानी से अनक्‍लेम्‍ड राशि पर दावा कर सकता है. नॉमिनी को खाताधारक का मृत्‍यु प्रमाण-पत्र देना होगा. साथ ही उसे अपने केवाईसी डॉक्‍यूमेंट भी देने होंगे. अगर जॉइन्ट अकाउंट है तो बैंक जिस अकाउंट होल्‍डर की मौत हो चुकी है, उसका नाम काट देगा और जीवित अकाउंट होल्‍डर को सारे अधिकार दे देगा.

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अगर न हो नॉमिनी?
अगर किसी अकाउंट में नॉमिनी दर्ज नहीं है तो फिर अनक्‍लेम्‍ड खाते से पैसे निकलवाने के लिए जो व्‍यक्ति बैंक से संपर्क करेगा, उसे छोटी रकम की निकासी के लिए उत्‍तराधिकार प्रमाण-पत्र और बड़ी रकम निकाले के लिए सक्‍सेशन सर्टिफिकेट बैंक में देना होगा. अगर अकाउंट होल्‍डर की कोई वसीयत है, तो उसकी भी जांच की जाएगी. आमतौर पर बैंक क्‍लेम दाखिल करने के 15 दिन के अंदर इसका निपटारा कर देता है.

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